तराई क्षेत्र की सड़कों का हाल बेहाल, नहीं कोई पुरसाहाल
दुश्वारी बाढ़ में तमाम सड़कें हुई क्षतिगस्त, आवागमन प्रभावित, राहगीर हो रहे परेशान बाढ़
दुश्वारी बाढ़ में तमाम सड़कें हुई क्षतिगस्त, आवागमन प्रभावित, राहगीर हो रहे परेशान
बाढ़ की चपेट से कई गांवों का कटा संपर्क मार्ग, क्रय केन्द्रों पर गन्ना पहुंचाने में तय करनी पड़ती है अतिरिक्त दूरी
हर्रैया सतघरवा, संवाददाता।
बाढ़ में तराई क्षेत्र की अधिकांश सड़कें ध्वस्त हो गईं हैं। साथ ही पुलियों का भी हालत दयनीय हो गई है। गत वर्ष की बाढ़ में क्षतिग्रस्त सड़कों व पुलियों की मरम्मत नहीं कराई गई थीं। राहगीर वर्ष भर कठिनाइयों का सामना करते रहे। तमाम प्रार्थना-पत्र देने के बावजूद सड़कों व पुलियों की मरम्मत नहीं हुई। बताया जाता है कि सरकार ने बजट जारी किया फिर भी सड़कों को दुरुस्त नहीं किया गया। इस वर्ष तराई क्षेत्र में दर्जनों गांव के प्रमुख संपर्क मार्ग व पुलिया बाढ़ में क्षतिग्रस्त हुए हैं। सड़कों के साथ-साथ नव निर्मित पुलियों का अप्रोच भी ध्वस्त हुआ है। जिला प्रशासन का दावा है कि सड़कों को चिन्हित कर मरम्मत के लिए बजट मांगा गया है। स्वीकृति मिलते ही सड़क व पुलियों की मरम्मत करा दी जाएगी।
गत वर्ष तराई क्षेत्र में नालों की बाढ़ से दर्जन भर सम्पर्क मार्ग टूटकर ध्वस्त हो गए थे। साथ ही पुलियों के सम्पर्क मार्ग भी पानी में बह गए थे। बाढ़ के बाद पुलियों के सम्पर्क मार्ग पर मिट्टी पाटकर आवागमन बहाल किया गया था। वर्ष भर किसी तरह काम चलाया गया, लेकिन इस वर्ष आई बाढ़ में काम चलाऊ सम्पर्क मार्ग भी बह गए। जिसकी मरम्मत जिम्मेदार अधिकारियों ने आज तक नहीं कराई। इस वर्ष भी पहाड़ी खरझार नालों की बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। बाढ़ में क्षतिग्रस्त हुई सड़कों पर गड्ढे अधिक नजर आते हैं। बाढ़ के कारण कटी सड़क व क्षतिग्रस्त पुलियों से दर्जनों गांवों के लोगों का आवागमन प्रभावित है। मुड़िला से मिर्जापुर संपर्क मार्ग पर बनी पुलिया बाढ़ से कट जाने से मिर्जापुर, बेला, खैरहनिया, बेलासपुर, पटोहाकोट, साखीरेत, रुपनगर व बरगदही सहित दो दर्जन से अधिक गांवों के ग्रामीणों का आवागमन बाधित हो गया है। इस कारण वहां के लगभग 20 हजार लोगों को कई किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय कर महाराजगंज व जिला मुख्यालय पहुंचना पड़ता है। गांव के निवासी चतुर्भुजी यादव, जंग बहादुर, कल्लू, इसराईल, राम प्रसाद व कादिर आदि ने बताया कि सम्पर्क मार्ग एवं पुलिया कट जाने से ग्रामीणों का सम्पर्क मुख्यालय से टूट गया है। दर्जनों गांव के लोगों का आवागमन प्रभावित है। राहगीरों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
कोट
मरम्मत के लिए 50 से अधिक क्षतिग्रस्त सड़कों की सूची तैयार कराई गई है। प्रस्ताव भेजकर बजट मांगा गया है। बजट मिलते ही शीघ्र ही काम शुरू करा दिया जाएगा।
प्रदीप कुमार, एडीएम बलरामपुर
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