बलरामपुर-आधार एवं ई-केवाईसी प्रणाली के माध्यम से हुए सत्यापन में पाए गए फर्जी राशन कार्ड
बलरामपुर में राशन कार्ड के डिजिटलीकरण के कारण सार्वजनिक वितरण प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव होंगे। अब तक 2704 फर्जी राशन कार्डों की पहचान की गई है और उन्हें निरस्त कर दिया गया है। आधार और ई-केवाईसी...
बलरामपुर, संवाददाता। राशन कार्ड के डिजिटलीकरण के चलते जिले के सार्वजनिक वितरण प्रणाली में आने वाले दिनों में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। आधार एवं ई-केवाईसी प्रणाली के माध्यम से सत्यापन में अब तक जिले में 2704 राशन कार्ड फर्जी पाए गए हैं। इन सभी को निरस्त कर दिया गया है। अभी यह प्रक्रिया चल रही है। सभी यूनिटों की केवाईसी होने के बाद फर्जी राशन कार्डों की संख्या अभी और भी बढ़ेगी। आधार प्रमाणीकरण और ईपीओएस उपकरण से उचित मूल्य की दुकानों से खाद्यान्न वितरण में होने वाली धांधली पर भी काफी हद तक कमी आई है। जिले में पात्र गृहस्थी के तीन लाख 14 हजार 110 व अन्त्योदय योजना के कार्ड धारक हैं। पात्र गृहस्थी के 16 लाख 42 हजार 535 यूनिट को प्रतिमाह नि:शुल्क राशन दिया जाता है। अब तक नौ लाख 69 हजार 694 यूनिट की ई-केवाईसी पूरी हुई। यह ऑकड़ा 20 नवंबर तक का है। ई-केवाईसी की प्रक्रिया अभी चल रही है। यह प्रक्रिया सभी यूनिटों पर होनी है। जिनका केवाईसी नहीं होगा उन्हें फर्जी मानकर उनका नाम सूची से हटा दिया जाएगा। जिले की सभी 874 उचित मूल्य की दुकानों पर ईपीओएस उपकरण से वितरण के दौरान ही आधार प्रमाणीकरण किया जाता है, जिससे सही लाभार्थियों को राशन मिलता है। ई-केवाईसी के जरिए लाभार्थियों की पहचान उनके आधार और राशन कार्ड के ब्योरे के साथ सत्यापित होता है, जिससे अपात्र लाभार्थी अपने आप बाहर हो जाते हैं। इस प्रक्रिया से अब तक 2704 राशन कार्ड फर्जी मिले हैं, 12 राशन कार्ड डुप्लीकेट पाए गए हैं। 36 लोग ऐसे हैं जो जिले में नहीं रहते हैं। वहीं 14 लोगों की मौत हो चुकी है। साथ ही 35 लाभार्थियों ने अपना कार्ड सरेंडर कर दिया है। इस तरह फर्जी मिले 2704 कार्ड निरस्त किया जा चुका है। अभी यह प्रक्रिया चल रही है। आने वाले दिनों में फर्जी राशन कार्डों की संख्या बढ़नी तय है।
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खद्यान्न वितरण प्रणाली के दौरान होने वाली धांधली में आएगी कमी
आधार एवं ई-केवाईसी के माध्यम से हो रहे सत्यापन से जहां एक ओर फर्जी राशन कार्डों पर खाद्यान्न उठा रहे लोगों की पहचान हो रही है, वहीं दूसरी ओर खाद्यान्न वितरण में होने वाली धांधली में भी कमी आई है। जानकार बताते हैं कि इसके पहले ऐसे तमाम लोग थे जिनके राशन कार्डों पर दूसरे लोग खाद्यान्न उठा लेते थे। कुछ लोग जिले से बाहर रहते थे, लेकिन उनके परिवारीजन उनका खाद्यान्न लगातार ले रहे थे। तमाम पात्र लोग इस योजना का लाभ पाने से वंचित रह जाते थे। अब आधार एवं ई-केवाईसी प्रणाली के माध्यम से हो रहे सत्यापन से धांधली भी रुकेगी। साथ ही पात्र लाभार्थियों को योजना का लाभ भी मिलेगा।
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59.04 फीसदी यूनिटों का हो चुका है सत्यापन
जिला पूर्ति अधिकारी कुमार निर्मलेन्दु ने बताया कि इस समय ई-केवाईसी की प्रक्रिया चल रही है। अब तक 59.04 फीसदी यूनिटों के सत्यापन का कार्य पूरा कर लिया गया है। बच्चों के ई-केवाईसी में कुछ दिक्कतें आ रही हैं। सभी यूनिटों के सत्यापन होने के बाद ही निरस्त राशन कार्डों की सही संख्या सामने आएगी। उन्होंने बताया कि सत्यापन से अब लोग बेटी की शादी व परिवार में किसी बुजुर्ग की मौत होने पर स्वयं नाम कटाने के लिए आ रहे हैं।
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