एलएलबी की डिग्री पाने को देना होगा अपराधों का हिसाब
Balrampur News - बलरामपुर में, बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने एलएलबी छात्रों के लिए नई नियमावली जारी की है। इसके तहत, आपराधिक रिकार्ड वाले विद्यार्थियों को अंतिम मार्कशीट और डिग्री पाने से पहले अपनी आपराधिक जानकारी देनी...
बलरामपुर, संवाददाता। आपराधिक रिकार्ड वाले विद्यार्थियों को एलएलबी की डिग्री पाना आसान नहीं होगा। बार काउंसिल आफ इंडिया ने अधिसूचना जारी कर दी है। अधिसूचना के मुताबिक कानूनी पेशे के नैतिक मानकों को बनाए रखने के लिए कोर्स में पंजीकृत विद्यार्थी को अंतिम मार्कशीट व डिग्री पाने से पहले स्वयं के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी, अपराधिक मामले, दोष सिद्धि या बरी होने की सूचना संस्थान के माध्यम से देनी होगी। ऐसी जानकारी न देने पर विद्यार्थी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के साथ ही उसकी मार्कशीट व डिग्री रोकी जा सकती है। शैक्षिक संस्थान बार काउंसिल आफ इंडिया (बीसीआई) को जानकारी भेजेगा। यह व्यवस्था लागू होने पर स्थानीय अधिवक्ताओं ने खुशी जाहिर की है।
विद्यार्थियों की होगी बायोमीट्रिक उपस्थिति
जारी अधिसूचना के अनुसार कानूनी शिक्षा के नियम-दो के तहत एलएलबी कोर्स में दाखिला लेने वाले विद्यार्थी एक साथ दो नियमित कोर्स की शिक्षा नहीं ग्रहण कर सकते हैं। इसका उल्लंघन करने वाले विद्यार्थी को डिग्री नहीं दी जाएगी। इसके साथ ही एलएलबी की पढ़ाई में कई सख्त नियमों का प्राविधान किया गया है। सभी विधि संस्थानों में विद्यार्थियों की बायोमीट्रिक उपस्थित दर्ज करवाने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही सभी कक्षाओं में सीसी कैमरे की अनिवार्यता भी रखी गई है। इससे वास्तव में कक्षाओं में नियमित पढ़ाई करने वाले विद्यार्थी ही अब एलएलबी की डिग्री पा सकेंगे।
देना होगा शपथ पत्र
एलएलबी करने वाले विद्यार्थियों को शपथ पत्र में घोषित करना होगा कि वह पढ़ाई के दौरान किसी नौकरी अथवा सेवा में नहीं था, जब तक उन्होंने संस्थान से अनापत्ति प्रमाण पत्र न हासिल कर लिया हो। छात्र के रोजगार संबंधी सभी मामलों को ई-मेल के माध्यम से बीसीआइ को रिपोर्ट करना होगा।
बीसीआइ का सराहनीय कदम
जिला बार संघ के पूर्व महामंत्री कमलेश्वर सिंह का कहना है कि बार काउंसिल आफ इंडिया का यह कदम बहुत अहम है। इससे विधि क्षेत्र में आने वाले विद्यार्थियों में अनुशासन सुनिश्चित किया जा सकेगा। यह समाज के लिए भी महत्वपूर्ण है। जिला बार संघ के वरिष्ठ सदस्य गुंजन तिवारी का कहना है अधिवक्ता समाज में काफी गिरावट आ रही है। माननीय उच्च न्यायालय एवं बार काउंसिल आफ इंडिया द्वारा जारी अधिसूचना स्वागत योग्य कदम है।
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