फिर एक्शन में दिखे बलिया के पुलिस कप्तान, आदेश न मानने वाले एसएचओ और दारोगा निलंबित
अचानक छापेमारी कर बिहार बार्डर पर वसूली गैंग का खुलासा करने वाले बलिया के पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर एक बार फिर एक्शन में दिखाई दिए हैं। थाना प्रभारी और दारोगा को निलंबित कर दिया है।
अचानक छापेमारी कर बिहार बार्डर पर वसूली गैंग का खुलासा करने वाले बलिया के पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर एक बार फिर एक्शन में दिखाई दिए हैं। हल्दी थाने के प्रभारी अशोक कुमार और बलिया शहर कोतवाली में कार्यरत उप निरीक्षक रामानुज को कर्तव्यों के प्रति लापरवाही, उदासीनता और अनुशासनहीनता के आरोप में निलंबित कर दिया है।
एसपी के मुताबिक, हल्दी थाना क्षेत्र में चार अक्टूबर को एक व्यक्ति को जान से मारने की नियत से उस पर धारदार हथियार से हमला किए जाने की घटना हुई थी। उन्होंने बताया कि मामले में हल्दी थाने में सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज होने के बाद भी उच्च अधिकारियों को घटना की सूचना नहीं दी गई।
वीर के अनुसार, घायल व्यक्ति को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, सोनवानी से सदर अस्पताल, बलिया रेफर किए जाने के बाद नियमानुसार उसके साथ किसी पुलिसकर्मी की ड्यूटी नहीं लगाई गई। उन्होंने कहा कि आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए ठोस कदम नहीं उठाए गए।
वीर के मुताबिक, दशहरा मेले के दौरान रामगढ़ बाजार में एक व्यक्ति के साथ कुछ युवकों ने धक्का-मुक्की की, जिसके बाद हल्दी थाने में तीन नामजद और दो अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया। उन्होंने कहा कि इस घटना के संबंध में बार-बार निर्देश दिए जाने के बावजूद आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए सार्थक प्रयास नहीं किए गए।
वीर के अनुसार, दोनों मामलों के मद्देनजर हल्दी थाना के प्रभारी अशोक कुमार को कर्तव्यों के प्रति घोर लापरवाही, उदासीनता, अकर्मण्यता और अनुशासनहीनता के आरोप में निलंबित किया गया है। उन्होंने बताया कि बलिया शहर के जापलिनगंज पुलिस चौकी क्षेत्र में एक मकान से लगभग पांच लाख रुपये चोरी होने की सूचना मिली थी, लेकिन उच्च अधिकारियों को इस संबंध में सूचित नहीं किया गया और फॉरेंसिक टीम को समय पर बुलाकर घटनास्थल का निरीक्षण नहीं कराया गया।
वीर के मुताबिक, पीड़ित पक्ष से तहरीर प्राप्त करने के बावजूद लगभग 10 घंटे तक मामले में मुकदमा नहीं दर्ज किया गया। उन्होंने बताया कि मामले में बलिया शहर कोतवाली में कार्यरत उप निरीक्षक रामानुज को कर्तव्यों के प्रति घोर लापरवाही, उदासीनता, अकर्मण्यता और अनुशासनहीनता के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।