पुत्र और परिवार की मंगलकामना को निर्जला व्रत
Balia News - बलिया में महिलाओं ने शुक्रवार को गणेश चतुर्थी का निर्जला व्रत रखा। उन्होंने स्नान के बाद मंदिरों में पूजा की और कथा सुनी। शाम को चंद्रोदय पर अर्घ्य अर्पित कर व्रत तोड़ा। महिलाओं ने गाय के गोबर से...
बलिया, संवाददाता। महिलाओं ने शुक्रवार को माघ महीने के गणेश चतुर्थी का निर्जला व्रत रखकर पुत्र और परिवार के सुख समृद्धि की कामना की। शाम को गोधूलली वेला में स्नान के बाद आस-पास के मंदिरों में पूजन-अर्चन किया तथा स्वयं और पुरोहितों से कथा सुनी। शहर के बालेश्वर मंदिर, भृगु मंदिर पर शाम को काफी संख्या में महिलाओं ने पूजन-अर्चन के बाद कथा सुनी और पुरोहित को दक्षिणा दिया और नियत 8.48 बजे चंद्रोदय होने पर अर्घ्य अर्पित कर फलाहार कर व्रत तोड़ा। सुबह उठकर महिलाओं ने व्रत का संकल्प लिया। दिनभर निराजल व्रत रखा और गोधूली वेला में स्नान कर नए वस्त्र पहनकर विधि विधान से पूजन में जुट गयी। सबसे पहले व्रत रखी महिलाओं ने गाय के गोबर से भगवान श्रीगणेश और मां लक्ष्मी की आकृति बनायी और काष्ठ के आसन पर विराजमान किया। इसके बाद दुर्वा, गुड़, अक्षत, तिल से बने लड्डू, धूप, दीप, शकरकंद और नौवेद्य आदि चढ़ाकर विधि विधान से श्रीगणेश का पूजन किया। कई घरों में पुरोहित से तो कुछ महिलाएं स्वयं चौथ व्रत की कथा पढ़ी और आस-पास की महिलाओं को सुनाी। रात में 8.48 बजे चंद्रोदय विधि विधान से पूजन किया तथा लाल चंदन, कुश, दूर्वा, फूल, अक्षत, शमी पत्र आदि अर्पित करने के बाद तांबे के पात्र से चंद्रदेव को अर्घ्य देकर पुत्र और परिवार के कुशलता की कामना श्रीगणेश और चंद्रदेव से किया।
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