रुह को खुदा से जोड़ना है असल इबादत: अली शाह
Balia News - 0 निधरिया में हुआ महफिले शमां व भजन का आयोजन दिवसीय महफिले शमां व भजन का आयोजन किया गया। सोमवार से शुरु इस कार्यक्रम का समापन मंगलवार को हु दिवसीय महफ
बलिया, संवाददाता। शहर से सटे निधरिया में स्थित मोहम्मदी खानकाह आश्रम पर दो दिवसीय महफिले शमां व भजन का आयोजन किया गया। सोमवार से शुरु इस कार्यक्रम का समापन मंगलवार को हुआ। इसमें जनपद के अलावे गोरखपुर, गाजीपुर, आजमगढ़, कुशीनगर, लखनऊ, प्रयागराज, अमेठी, छपरा, बक्सर के साथ ही महाराष्ट्र से लोग पहुंचे थे। इस कार्यक्रम में हजरत ख्वाजा सूफी मोहम्मद अली शाह ने कहा कि इंसानियत ही सबसे बड़ी इबादत है। नफरत को मिटाना और हर दिल में मोहब्बत का दीया जलाना सूफीवाद का पैगाम है। रूह को खुदा से जोड़ना ही असल इबादत है। जो दिल मोहब्बत से भरा होता है, उसमें नफरत की कोई जगह नहीं होती। अन्य वक्ताओं ने कहा कि महफिले शमां और भजन का यह आयोजन न केवल धार्मिक सौहार्द का प्रतीक है बल्कि यह भारत की अनेकता में एकता की पहचान है। इसका मकसद नफरतों को खत्म कर इंसानी रिश्तों को मजबूत करना है। आफताब मोहम्मदी, एजाज सरवर, मोहम्मदी नूर, मोहम्मदी अली हसन, सलीम, अलीम, सोएब मोहम्मदी, कैफ परवेज, कादिर हाशिम आदि ने रुहानियत व सूफी संदेशों के बारें में बताया। रूहानी कलाम, सूफियाना कव्वालियों और दुआओं से पूरा वातावरण आध्यात्मिक ऊर्जा से भर गया था।
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