मिट्टी की सेहत बिगाड़ रही जुताई की अनावश्यक तरकीब
Balia News - बलिया, टीडी कॉलेज में विश्व मृदा दिवस पर 'मृदा की देख-भाल मापन व निगरानी' विषय पर गोष्ठी आयोजित की गई। प्राचार्य प्रो. आरएन मिश्र और प्रो. रामनरेश यादव ने दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया। विशेषज्ञों ने...
बलिया, संवाददाता। टीडी कॉलेज में गुरुवार को विश्व मृदा दिवस पर ‘मृदा की देख-भाल मापन व निगरानी प्रबंध विषय पर गोष्ठी का आयोजन हुआ। शुभारंभ प्राचार्य प्रो. आरएन मिश्र व प्रो. रामनरेश यादव ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस दौरान डॉ. अनिल कुमार सिंह ने मृदा का माप, निगरानी एवं प्रबन्ध विषय पर चर्चा करते हुए मिट्टी एवं जीवन के आधार के बारे में जानकारी दी। कहा कि ए आई, डिजिटल तकनीक एवं सूचना आधारित तकनीकों का प्रयोग समय के साथ जरूरी है। गोष्ठी में विभागाध्यक्ष डॉ.अशोक कुमार सिंह ने मृदा के जांच के उपकरण एवं उसके मापन के लिए जैवीय, भौतिक एवं रासायनिक विभिन्न आयामों और उनके लिए निर्धारित मानदण्डों के स्तर की विस्तार से जानकारी दी। कृषि संकाय अध्यक्ष प्रो. धर्मेन्द्र सिंह ने कहा कि मृदा का सम्बन्ध हमारी आत्मा से है और हमारा जीवन भी इसी से है I डॉ. शिवेंद्र नारायण सिंह ने कहा कि जुताई की अनावश्यक गतिविधियां भी मृदा स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। साथ ही लगातार जल एवं वायु के प्रभाव में आकर मृदा का नुकसान हो रहा है। डॉ. मुनेद्र पाल ने बताया कि मृदा क्षरण से हर साल हजारों टन पोषक तत्व का नुकसान से हो रहा है जिससे मृदा की उर्वरता बिगड़ रही है। गोष्ठी में डॉ अजीत कुमार सिंह, डॉ. जयप्रकाश सिंह, डॉ. राम तीरथ आदि ने अपना विचार रखा। इस मौके पर शोध छात्र मान्धाता सिंह, राम कुमार यादव के साथ बीएससी एजी और एमएससी एजी के छात्र-छात्राएं थी। संचालन नवीन कुमार शुक्ल व छात्रा निशु सिंह ने संयुक्त रूप से किया। आभार डॉ. अनिल कुमार सिंह ने जताया।
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