पुष्पवाटिका प्रसंग का वर्णन सुन निहाल हुआ श्रोता
Balia News - सिकंदरपुर में मानस मर्मज्ञ शांतनु महाराज ने प्रभु श्रीराम के कार्यों को अनुकरणीय बताया। राजसूय महायज्ञ का महत्व बताते हुए उन्होंने कहा कि भगवान पर विश्वास रखना चाहिए। उन्होंने गुरु के प्रति श्रद्धा और...
सिकंदरपुर, हिन्दुस्तान संवाद। मानस मर्मज्ञ शांतनु महाराज ने कहा कि प्रभु श्रीराम के सभी कार्य और चरित्र अनुकरणी है। उन्होंने राजसूय महायज्ञ के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यह वहीं यज्ञ है जिसे त्रेता में महाराज हरिश्चन्द्र ने अयोध्या में तथा द्वापर में अजातशत्रु महाराज युधिष्ठिर ने इन्द्रप्रस्थ कराया था। आज कलिकाल में वनखंडी नाथ धाम पर आयोजित हो रहा है। गुरुवार की शाम वनखंडीनाथ परिसर में आयोजित राजसूय महायज्ञ में महाराज ने बताया कि संसार से धोखा मिल सकता है किन्तु भगवान से नहीं? ऐसे में भगवान पर भरोसा करने में कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए। बताया कि प्रभु श्रीराम गुरु के चरण दबाने, बड़ों के आज्ञा का पालन कर संसार को यह संदेश दिया है कि आदर करना ही सबसे बड़ा पुण्य है। मानस के पुष्पवाटिका प्रसंग में महाराज ने कहा कि दुलर्भ संयोग ही सहज हो जाता है जब प्रभु की कृपा होती है। जब दोनों भाई महर्षि विश्वामित्र के साथ जनकरपुर पहुंचे और गुरु महाराज के पूजा के लिए फुल लाने पुष्पवाटिका पहुंचे। इसी समय गौरी पूजन के वास्ते फुल लेने सीता अपने सहेलियों के साथ पहुंची और हृदय में रखी इच्छा पूर्ति के लिए गौरी का पूजन किया, यह संयोग ही था। महाराज ने श्रीराम, लक्ष्मण सहित चारो भाइयों के विवाह प्रसंग का संगीतमय वर्णन किया, जिसे सुनकर श्रोता निहाल हो गये।
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