तीनों लोकों में महत्वपूर्ण है भक्ति भूमि वृंदावन
Balia News - साध्वी आर्या पंडित ने राजसूय महायज्ञ में प्रवचन के दौरान बताया कि श्रीकृष्ण के मुरली की तान में अद्भुत शक्ति है। उन्होंने गोपियों के चीरहरण प्रसंग और कंस वध की कथा सुनाई, जिससे भक्तों को श्रीकृष्ण की...
सिकंदरपुर, हिन्दुस्तान संवाद। साध्वी आर्या पंडित ने डूहा विहरा बनखंडी नाथ धाम में चल रहे राजसूय महायज्ञ में मंगलवार की शाम प्रवचन के दौरान श्रोताओं को बताया कि श्रीकृष्ण के मुरली की तान में वह शक्ति है जिसके सुनने मात्र से नदियों का जल-प्रवाह रूक जाता है, पत्थर पिघल जाते हैं, गाय और हिरण आदि जानवरों के पांव ठमक जाते हैं और वहीं तान जब गोपियों के कान तक पहुंचता है तो वह जहां हैं जैसे हैं कन्हा के पास पहुंच जाती हैं। अगर हम भी श्रीकृष्ण के भक्ति में मगन हो जाएं तो हमारा कल्याण निश्चित ही करेंगे, चूकि भगवान भक्तवत्सल हैं। श्रद्धालुओं को बताया कि भक्तिभूमि वृंदावन की महिमा तीनों में लोकों में महत्वपूर्ण इसीलिए है, क्योंकि श्रीकृष्ण ने वहीं महारास रचाया था।
प्रवचन में साध्वी ने ब्रज की गोप बालाओं के चीरहरण प्रसंग के वर्णन में बताया कि गोपियां ब्रह्ममुहुर्त में निर्वस्त्र यमुना में स्नान कर मां कात्यायनी की पूजा श्रीकृष्ण को पाने के लिए करती थी। यह देख बाल रूप के श्रीकृष्ण ने छह वर्ष की अवस्था में उनके वस्त्र कदम के पेड़ पर चुरा दिया और इसके जरिए निर्वस्त्र स्नान नहीं करने का संदेश दिया और जब गोपियां क्षमा मांगी तो कन्हैया उनके अपराध क्षमा कर शरद पूर्णिमा को महारास रचाकर उनके मनोरथ पूर्ण किया। कंस वध की चर्चा करते हुए साध्वी ने बताया कि श्रीकृष्ण और बलराम अकू्रर के साथ मथुरा आते हैं, यहा कुलवयापीड और धाबी हाथी को मारने के बाद कंस का वध कर माता देवी और पिता वासुदेव को कारागार से मुक्त करते हैं।
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