Hindi NewsUttar-pradesh NewsBalia NewsOfficers of both departments wrote letters to DM

दोनों विभागों के अधिकारियों ने डीएम को लिखा पत्र

Balia News - कोरोना के संक्रमण की रफ्तार भले ही धीमी पड़ती दिख रही हो लेकिन मौतों का सिलसिला लगातार जारी है। जिला प्रशासन की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार शहर के भृगुआश्रम क्षेत्र के निवासी कोरोना से संक्रमित 55...

Newswrap हिन्दुस्तान, बलियाSat, 10 Oct 2020 03:15 AM
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कोरोना के संक्रमण की रफ्तार भले ही धीमी पड़ती दिख रही हो लेकिन मौतों का सिलसिला लगातार जारी है। जिला प्रशासन की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार शहर के भृगुआश्रम क्षेत्र के निवासी कोरोना से संक्रमित 55 वर्षीय अधेड़ की मौत हो गयी है। इसके साथ ही जिले में कोरोना से मरने वालों की संख्या 86 हो गयी है। इसके अलावा शुक्रवार को 29 नए मरीज भी सामने आए हैं। इस प्रकार जिले में कुल संक्रमितों की संख्या 5864 हो गयी है। हालांकि इनमें से 5415 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं।

नए मरीजों को लेकर जनपद में अब एक्टिव केस 363 है। इसमें जनदीय अस्पताल में 9 मरीजों का उपचार चल रहा है, जबकि 277 मरीज होम आइसोलेशन में हैं। जेल आइसोलेशन में 34 बीमार हैं। शेष 43 मरीजों का उपचार गैर जनपदों में चल रहा है। बुलेटिन के अनुसार जिले में शुक्रवार तक कंटेनमेंट जोन 455 हैं। कोरोना के खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन की ओर से लगातार जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन आमलोगों की लापरवाही के चलते कोरोना की गति पूरी तरह थमती नजर नहीं आ रही है।

इनसेट

होम आइसोलेशन में आक्सीजन लेवल पर रखें नजर

बलिया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. जितेन्द्र पाल ने होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों से कहा है वे घर पर आक्सीमीटर जरूर रखें और आक्सीजन लेवल नियमित चेक करते रहें।

डा. पाल ने कहा कि कोविड-19 का सबसे ज्यादा असर फेफड़ों पर होता है। मरीजों को जल्दी-जल्दी सांस लेनी पड़ सकती है और थकान महसूस हो सकती है। सीएमओ ने कहा कि होम आइसोलेशन में रहने वाल मरीजों को समय-समय पर आक्सीजन स्तर की जांच करते रहनी चाहिए। आक्सीजन का स्तर 100 से अधिक है तो परेशान होने की कोई बात नहीं, लेकिन यह 95 के नीचे पहुंचता है तो तत्काल कंट्रोल रूम या चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। आक्सीजन लेवल नीचे जाने से दिक्कत बढ़ सकती है और अस्पताल में भी भर्ती होना पड़ सकता सकता है। उन्होंने कहा कि लगातार दर्द व भारीपन होना, मानसिक भ्रम की स्थिति अथवा सचेत होने में असमर्थता, बोलने में दिक्कत, चेहरे या किसी अंग में कमजोरी और होंठों व चेहरे पर नीलापन आने की स्थिति में भी कंट्रोल रूम या तो चिकित्सक को बताना जरूरी है।

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