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मिशन शक्ति : सोनी ने बेटियों के लिए रंगमंच का खोला द्वार

बलिया में बहादुरपुर की रहने वाली सोनी ने पिछले छह वर्ष में बलिया के रंगमंच में बनायी...

Newswrap हिन्दुस्तान, बलियाTue, 19 Jan 2021 03:05 AM
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बलिया। बहादुरपुर की रहने वाली सोनी ने पिछले छह वर्ष में बलिया के रंगमंच को अपने अभिनय के माध्यम से समृद्ध किया। वह उन लड़कियों की प्रेरणास्रोत भी हैं जिन्होंने समाज की तमाम वर्जनाओं को तोड़कर अपनी अलग पहचान बनायी। सोनी ने अभिनय व कला के क्षेत्र में जो मापदंड स्थापित किए उन्हें अपनाकर लड़कियां अपनी राह बना रही हैं। अभिनय व नृत्य में प्रशिक्षण देने के लिए सोनी स्कूल-कॉलेज में अबतक कई वर्कशॉप कर चुकी हैं। उनके पिता की साइकिल की दुकान है। इससे परिवार का भरण-पोषण होता है। विपरीत हालात में भी उन्होंने ऐसा रास्ता चुना जिसे बलिया जैसे जिले के लिए बेहद अजीब माना जाता था। आज वह बलिया रंगमंच की सशक्त हस्ताक्षर बन चुकी हैं। एक दर्जन से अधिक नाटकों में सशक्त अभिनय के जरिए उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिल चुका है। सोनी की प्रेरणा से ट्विंकल गुप्त, अंकिता ठाकुर, शालू, सलोनी बलिया रंगमंच को योगदान कर नारी शक्ति को प्रमाणित कर रही हैं। सोनी हर साल गर्मी में बच्चियों के लिए समर कैंप का आयोजन करती हैं जिसमें वह उन्हें गीत, नृत्य, नाटक व कला का प्रशिक्षण भी देती हैं। सोनी को वर्ष 2019 में ‘संकल्प सम्मान भी मिल चुका है।

बेटियों की झिझक तोड़ बना रहीं स्वावलंबी

बलिया। शादी के बाद अनिता सिन्हा वर्ष 2013 से बालिकाओं को आत्मनिर्भर व जागरूक करने के साथ ही महिलाओं को स्वावलंबी बनाने में जुट गयीं। उन्होंने छोटी बच्चियों को गुड टच-बैड टच के बारे में जानकारी देने के लिए इनरह्वील क्लब के बैनर तले स्कूलों में अभियान शुरू किया। बेटियों की झिझक तोड़ते हुए उनसे खुलकर चर्चा की। इसका असर हुआ और बेटियां मुखर हुईं। इसके साथ ही महिलाओं के मन में हाईजिन को लेकर फैली भ्रांतियों को दूर करने की भी उन्होंने मुहिम शुरू की। इस दौरान परंपरा के खिलाफ बात करते समय उन्हें कुछ दिक्कत भी हुई। सहरसपाली गांव में ग्रामीण महिलाओं ने इस पर सवाल भी खड़े किए लेकिन अनिता ने उन्हें जागरूक किया। आगे चलकर जिले में इसे लेकर सरकारी स्तर पर मुहिम शुरू हुई। इसके अलावा जिला जेल में बंद महिलाएं जब बाहर निकलें तो खुद को आत्मनिर्भर बना सकें-इसके लिए उन्होंने उन्हें सिलाई-कढ़ाई का प्रशिक्षण दिया। उनके बीच मशीनों का वितरण किया। चूंकि उनके पति डॉक्टर हैं इसलिए उन्होंने अपने स्तर पर उनकी मदद की।

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