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दीपोत्सव व माघ मेल की तरह ददरी मेला भी कराएं

Balia News - कार्तिक पूर्णिमा स्नान के साथ शुरू होने वाले ऐतिहासिक व पौराणिक महत्व वाले ददरी मेला को लेकर जिला या नगरपालिका प्रशासन की ओर से किसी प्रकार की अबतक सुगबुगाहट नहीं होने से मेला को लेकर आशंका गहराने...

Newswrap हिन्दुस्तान, बलियाMon, 2 Nov 2020 05:40 PM
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कार्तिक पूर्णिमा स्नान के साथ शुरू होने वाले ऐतिहासिक व पौराणिक महत्व वाले ददरी मेला को लेकर जिला या नगरपालिका प्रशासन की ओर से किसी प्रकार की अबतक सुगबुगाहट नहीं होने से मेला को लेकर आशंका गहराने लगी है। मेला आयोजित होगा भी या नहीं, स्नान का क्या होगा, इस पर कोई चर्चा प्रशासनिक स्तर पर नहीं हुई है। इससे आहत विभिन्न संगठनों के लोगों ने सोमवार को मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन डीएम को दिया। इसके माध्यम से अयोध्या में प्रस्तावित दीपावली महोत्सव व प्रयागराज के माघ मेला की तरह बलिया के ऐतिहासिक ददरी मेला को भी आयोजित करने की मांग की है। धु्रव जी स्मृति सेवा संस्थान के सचिव भानु प्रकाश सिंह बबलू के साथ पहुंचे लोगों ने ददरी मेला के लिए स्थायी तौर पर जमीन अधिग्रहण की भी मांग की है।

ज्ञापन के माध्यम से कहा है कि शरद पूर्णिमा से कार्तिक कल्पवास, स्नान आदि श्रद्धालु करने लगे हैं। भृगुक्षेत्र की पांच दिवसीय पंचकोसी परिक्रमा यात्रा भी दीपावली के दूसरे दिन से भृगु मंदिर से निकलेगी। कार्तिक पूर्णिमा का मुख्य स्नान गंगा-तमसा के संगम पर होना है। कहा है कि प्रदेश सरकार द्वारा भी नियमों का पालन करते हुए अयोध्याम में देव दीपावली पर्व का महोत्सव तथा प्रयागराज के माघ मेला की तैयारियां शुरू की जा चुकी हैं। ऐसी स्थिति में कोविड सुरक्षा के नियमों का अनुपालन करते हुए भृगुक्षेत्र के पौराणिक ददरी मेला का आयोजन भी कराया जान उचित होगा। इसकी तैयारी के लिए जिला व नपा प्रशासन द्वारा सम्बंधित विभागों की बैठक अभीतक नहीं की गयी है।

यह भी कहा है कि जहां पहले ददरी मेला लगता था, उस डूब क्षेत्र में अब आवासीय भवनों का निर्माण किया जा चुका है। ऐसी स्थिति में इस मेला के लिए स्थायी रूप से भूमि अधिग्रहण व राजकीय मेले का दर्जा प्रदान करने की भी आवश्यकता है।

ज्ञापन देने वालों में भानु सिंह बबलू के अलावा अमित सिंह बघेल, शिवकुमार कौशिकेय, चंद्रप्रकाश सिंह कर्फ्यू, अम्बरीश ओझा, धर्मवीर शाह, सागर सिंह राहुल, रामकुमार यादव, अभिषेक सिंह, वीरेन्द्र तिवारी, चंदन सिंह, आलोक रंजन सिंह, पवन यादव, रूपेश सिंह, राकेश सिंह,रिंकू सिंह, आलोक सिंह, कृष्णा पटेल, राहुल पटेल, आशीष रंजन सिंह, सनत आदि थे।

रैलियां हो सकती हैं तो मेला क्यों नहीं

बलिया। ऐतिहासिक ददरी मेला व कार्तिक पूर्णिमा स्नान को लेकर जिला या नगरपालिका प्रशासन की ओर से अभी तक किसी प्रकार की पहल नहीं किए जाने को लेकर लोगों का आक्रोश गहराता जा रहा है। दुबहड़ क्षेत्र के निवासी समाजसेवी मिथिलेश सिंह ने आक्रोश जताते हुए कहा है कि जिले की ऐतिहासिक परम्पराओं के प्रति जिला व नपा प्रशासन गंभीर नहीं दिख रहा है। कहा कि सरकार को भी मेला के महत्व को देखते हुए इस सम्बंध में दिशा-निर्देश जारी करना चाहिए। कोरोना को मेला स्थगित करने की किसी प्रकार की आशंका पर सवाल खड़ा करते हुए मिथिलेश ने कहा है कि बिहार में चुनावी रैलियां हो सकती हैं तो धार्मिक आयोजन क्यों नहीं हो सकते? कार्तिक पूर्णिमा स्नान व ददरी मेला जिले की पहचान व धरोहर हैं। इसकी उपेक्षा बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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