एकात्म मानववाद से ही होगा सर्वांगीण विकास
गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय (विलासपुर, छत्तीसगढ़) के कुलाधिपति व मानव संसाधन मंत्रालय (नई दिल्ली) के नेशनल रिसर्च प्रोफेसर प्रो. अशोक गजानन मोदक ने कहा कि पं दीनदयाल उपाध्याय ऐसे देश का...
गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय (विलासपुर, छत्तीसगढ़) के कुलाधिपति व मानव संसाधन मंत्रालय (नई दिल्ली) के नेशनल रिसर्च प्रोफेसर प्रो. अशोक गजानन मोदक ने कहा कि पं दीनदयाल उपाध्याय ऐसे देश का निर्माण करना चाहते थे जो भूतकाल के भारत से अधिक उन्नत हो। वे सपनों के जिस भारत का चिंतन करते थे, उसका हमें भी गहरायी से चिंतन करना चाहिए।
प्रो. मोदक मंगलवार को पं. दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि पर जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय स्थित हजारी प्रसाद अकादमी भवन में ‘पं. दीनदयाल उपाध्याय के सपनों का भारत विषयक गोष्ठी को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। कहा कि पं. उपाध्याय का हम सबके ऊपर गहरा ऋण है। वे कहते थे कि समाज के प्रत्येक व्यक्ति को रोटी, कपड़ा, मकान, स्वास्थ्य, शिक्षा व सम्मान मिलना ही चाहिए। उन्होंने समाज को एक नई राह दिखाई, जिस पर चलकर व्यक्ति नर से नारायण हो सकता है। समाज के सर्वांगीण विकास के लिए एकात्म मानववाद के मार्ग पर चलना होगा।
विशिष्ट अतिथि स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय संगठक अजय ने कहा कि पं. दीनदयाल उपाध्याय स्वदेशी सामानों के हिमायती थे। गोष्ठी की अध्यक्षता जननायक चन्द्रशेखर विवि के कुलपति प्रो. योगेंद्र सिंह व संचालन डॉ. रामकृष्ण उपाधयाय ने किया।
इस दौरान आरएसएस के विभाग प्रचारक श्रीप्रकाश, करुणेश, डॉ. चन्द्रशेखर पांडे, गिरीश, करुणानिधि तिवारी, अशोक पांडे, टीडी कालेज के प्राचार्य प्रदीप, डॉ. संतोष तिवारी, मंगलदेव चौबे, मारुतिनंदन, सोमदत्त सिंह, अशोक ओझा, विनय सिंह, अम्बरीश शुक्ल, ज्ञानेंद्र पांडे, सुरेश मिश्र आदि थे।
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