धनुषयज्ञ मेला की बढ़ी रौनक, बिक्री से चहके दुकानदार
Balia News - 0 ठंड बढ़ने से ऊनी कपड़ों की खरीदारी तेज मंगलवार का दिन मेला के लिए मंगलमय रहा। पूरे मेला क्षेत्र में चारों ओर लोगों का रेला ही दिख रहा था। यहां द्वाब
रानीगंज, हिन्दुस्तान संवाद। सुदिष्ट बाबा के समाधि स्थल पर लगे ऐतिहासिक धनुषयज्ञ मेला अब अपनी रौ में आने लगा है। दूरदराज से लोगों के आने का सिलसिला लगातार जारी है। मंगलवार का दिन मेला के लिए मंगलमय रहा। पूरे मेला क्षेत्र में चारों ओर लोगों का रेला ही दिख रहा था। यहां द्वाबा के साथ ही बिहार की संस्कृति भी देखने को मिल रही है। झूले-तमासे, खिलौने, चाट-पकौड़े की दुकानों पर काफी भीड़ रही। युवक-युवतियों के साथ महिलाओं व बच्चों ने ऊंचे झूले के साथ ही ट्रेन, ड्रैगन, नाव झूला का लुत्फ उठाया। मौसम के मिजाज में धीरे-धीरे आ रहे परिवर्तन और बढ़ रही ठंड के कारण ज्यादा भीड़ ऊनी कपड़ों के बाजार में थी। ऊनी कपड़ों की मांग बढ़ी है। बड़ी संख्या में लोग खरीदारी करने के लिए पहुंच रहे हैं। इससे दुकानदारों को अच्छी कमाई हो रही है। लोग ऊनी चादर, कंबल, दरियां, शॉल आदि खरीदते देखे गए।
उधर, मेला चौक रोड में बहराइच, पटना, हाजीपुर, सीवान आदि जिले के विभिन्न हिस्सों से आए पापड़ी, खजूर आदि की दुकानों पर भी ग्राहकों की भीड़ दिखी। मीना बाजार के अलावा टिकुली, सिन्दूर तथा महिला प्रसाधन की दुकानों पर महिलाओं की लगातार भीड़ बनी हुई है। काष्ठ निर्मित पलंग,चौकी,फर्निचरों, स्टील के बर्तनों, लोहे से निर्मित घरेलू उपयोग में आने वाली चीजों की दुकानों पर भी भीड़ जमी हुई थी।
भंडारा के बाद साधु-संतों की विदायी
रानीगंज। पंचमी के दिन से कई क्षेत्रों से आए साधु-संतों से गुलजार और आबाद रहा सुदिष्ट बाबा समाधि स्थल मंगलवार को देर शाम सूना हो गया। समाधि स्थल पर डेरा डाले साधु-संतों ने सुबह पूजा-अर्चना व जयकारे के साथ भंडारा का शुभारंभ किया। इसके बाद साधु-संतों को प्रसाद ग्रहण करने के बाद विदाई दी गई। मेला अध्यक्ष रोशन गुप्ता ने परंपरा बरकरार रखते हुए साधु-संतों को अंगवस्त्र व कम्बल देकर विदाई दी। संतों ने सुदिष्ट बाबा समाधिस्थल की पावन मिट्टी को सिर माथे पर लगाया और अपने गंतव्य को निकल पड़े।
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