Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़बलियाGhaghra river slips below red mark threat continues

लाल निशान से नीचे खिसकी घाघरा नदी, खतरा कायम

पिछले एक सप्ताह से घाघरा नदी के जलस्तर में बढ़ाव के बाद शुक्रवार को नदी का जलस्तर अचानक घटने लगा। इससे तटवर्ती ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है। शुक्रवार को लगातार जलस्तर घटने से अब यह खतरा बिंदु से भी...

Newswrap हिन्दुस्तान, बलियाFri, 17 July 2020 11:51 PM
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पिछले एक सप्ताह से घाघरा नदी के जलस्तर में बढ़ाव के बाद शुक्रवार को नदी का जलस्तर अचानक घटने लगा। इससे तटवर्ती ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है। शुक्रवार को लगातार जलस्तर घटने से अब यह खतरा बिंदु से भी नीचे आ गया है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार शुक्रवार को घाघरा का जलस्तर 63.970 मीटर दर्ज किया गया। यह खतरा बिंदु 64.010 मीटर से तीन सेमी नीचे है।

हालांकि घटते जलस्तर से होने वाली कटान को देखते हुए लोगों में डर कायम है। नदी के तट पर बसे सीयर ब्लॉक के लगभग एक दर्जन गांवों की पूरी आबादी डेंजर जोन में है। हर वर्ष कटान व बाढ़ का दंश झेल रहे इन गांव का अस्तित्व खतरे में है। बावजूद शासन इन्हें बचाने को लेकर कोई कारगर कदम नहीं उठा रहा है। इन गांवों को बाढ़ से सुरक्षित करने के लिए बाढ़ के समय जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों का दौरा होता है, भरोसा भी दिया जाता जाता है लेकिन उसके बाद ग्रामीणों को पूछने वाला कोई नहीं। सीयर ब्लाक के टंगुनिया, गुलौरा, महुआतर, खैराखास, तुर्तीपार, मुजौना, मझौलिया, करीमगंज, बिल्थरा बाजार साहियां, सोनबरसा, मठिया, नारापार, छपिया, तारनपुर, रामपुर आदि गांव घाघरा नदी व टीएस बंधा के बीच में बसे हैं।

बाढ़ के पानी से मक्का-गन्ना के खेत जलमग्न

सहतवार। क्षेत्र के रामपुर नम्बरी, रेगहा, चांदपुर पुरानी बस्ती, चितविसांव सहित सैकड़ों एकड़ खेत में खड़ी मक्के, गन्ना व परवल की फसल घाघरा के पानी से जलमग्न हो गई है। वहीं कोलकला से लेकर चांदपुर तक तेजी से हो रहे कटान से अब तक सैकड़ों एकड़ उपजाऊ जमीन घाघरा में विलीन हो गयी है। किसान रामजी यादव, शिवजी यादव, गुलाब, त्रिभुवन, रामपुर नम्बरी के पूर्व प्रधान प्रतिनिधि मनोज उपाध्याय ने बताया कि हम लोगों ने गन्ना व परवल की खेती की थी लेकिन वह भी आज घाघरा नदी के बाढ़ में डूब गया। इससे काफी नुकसान हुआ है। शासन व प्रशासन का कोई भी आदमी बाढ़ की स्थिति देखने के लिए नहीं पहुंचा है। इस स्थिति में चांदपुर पुरानी बस्ती के लोगों ने डीएम का ध्यान आकृष्ट कराया है।

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