मतदान को 25 किमी का सफर तय करेंगे अहाता के मतदाता

मतदान को 25 किमी का सफर तय करेंगे अहाता के मतदाता घाघरा कटान के बाद विस्थापित हुए थे अहाता गांव के बासिंदे,अहाता के विद्यालय में ही होता है उनका...

Newswrap हिन्दुस्तान, बहराइचWed, 28 April 2021 11:00 PM
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फोटो फाइल नंबर- 28 बीएएचपीआईसी 14 है।

कैप्सन- जरवल ब्लॉक का प्राथमिक विद्यालय अहाता

-घाघरा कटान के बाद विस्थापित हुए थे अहाता गांव के बासिंदे,अहाता के विद्यालय में ही होता है उनका मतदान

-बहरामपुर, नासिरगंज, नियामतपुर के मतदाताओं को भी बूथ पर जाने के लिए करना पड़ेगा 10 किलोमीटर का सफर

जरवल। हिन्दुस्तान संवाद

ब्लॉक क्षेत्र की कई ग्राम पंचायतों के ग्रामीणों को कड़ी धूप के बीच कई किलोमीटर की यात्रा तय करनी पड़ेगी जबकि आयोग की ओर से मतदाताओं की सुविधा के लिए मतदान केन्द्र कम से कम दूरी पर रखने की बात कही गई थी। ऐसी ही एक ग्राम पंचायत है अहाता। जहां के ग्रामीणों को मतदान करने के लिए 25 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ेगा। जबकि अहाता की तरह ही बहरामपुर, नासिरगंज, नियामतपुर के ग्रामीणों को 10 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ेगा। ऐसे में भयावह रूप से फैले कोरोना संक्रमण व कड़क धूप में मतदान को जाने से कई मतदाता कतरा रहे हैं और प्रशासन कोस रहे हैं। वहीं कई जानकार मतदान केन्द्र की दूरी ज्यादा होने से मतदान प्रतिशत घटने की बात भी कर रहे हैं। घाघरा की क्रूर लहरों की कटान के चलते कई ग्राम पंचायतों के लोग विस्थापित होकर अन्य जगहों पर बस गए थे। उनमें से एक ग्राम पंचायत अहाता भी है। जहां के ग्रामीण विस्थापित होकर भिन्न-भिन्न जगहों पर बस गए हैं, लेकिन उनका मतदान केन्द्र उनके ग्राम पंचायत के प्राथमिक विद्यालय अहाता को ही बनाया गया है। जिससे ग्रामीणों को 25 किलोमीटर का सफर तय कर अहाता पहुंचना पड़ेगा। अहाता समेत बहरामपुर, नियामतपुर व नासिरगंज का अस्तित्व घाघरा नदी की कटान के चलते समाप्त हो चुका है। इन ग्राम पंचायतों के निवासी अन्य विभिन्न ग्राम पंचायतों तपेसिपाह, मुस्तफाबाद, अट्ठैसा व जरवल के अतिरिक्त आदमपुर रेवली तटबंध के निकट अपना बसेरा बनाए हुए हैं। मतदान के लिए आज भी इन्हें अपनी ग्राम पंचायतों के पोलिंग बूथ पर जाना पड़ता है। विस्थापित ग्राम पंचायत अहाता के प्रधान प्रत्याशी बताते हैं कि इस ग्राम पंचायत की लगभग आधी आबादी घाघरा नदी के किनारे लखनऊ -बहराइच हाईवे पर स्थित धनराजपुर गांव में पुनर्वासित हैं। जिसमें लगभग पांच सौ मतदाता हैं। जहां से इनके पोलिंग बूथ प्राथमिक विद्यालय अहाता की दूरी 25 किलोमीटर है। मतदान के लिए इन्हें बाराबंकी के गणेशपुर होकर जाना पड़ता है। इसी तरह ग्राम पंचायत नासिरगंज के प्रधान प्रत्याशी बताते हैं कि इस ग्राम पंचायत का अस्तित्व समाप्त होने के पर ग्रामीण जरवल के विभिन्न ग्राम पंचायत तपेसिपाह, अट्ठैसा, जरवल व मुस्तफाबाद में जाकर बस गए हैं। जहा से इनको पोलिंग बूथ पूर्व माध्यमिक विद्यालय नासिरगंज की दूरी अधिकतम 10 किलोमीटर है। वहीं ग्राम पंचायत बहरामपुर के प्रधान प्रत्याशी ने बताया कि पोलिंग बूथ प्राथमिक विद्यालय पुरैनी बनाया गया है। जो आदमपुर रेवली तटबंध के निकट स्थित है। इस ग्राम पंचायत के सैकडों लोग नदी के दूसरे छोर पर बसे हुए हैं। इन्हें भी मतदान के लिए लगभग 20 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ेगा। वहीं नियामतपुर ग्राम पंचायत धनराजपुर में मर्ज कर दी गई है। इनका पोलिंग बूथ प्राथमिक विद्यालय गुलरिहा में बनाया गया है। प्रधान प्रत्याशी बताते हैं कि नियामतपुर के कुछ मतदाता घाघरा नदी के उस पार स्थिति रेता में बसे हुए हैं। जिनको नाव से नदी पार कर पोलिंग बूथ पहुचने में 7 किलोमीटर की दूरी तय करना पड़ेगा।

कोट-

सभी ग्राम पंचायतों के पोलिंग बूथ निर्धारित हो चुके हैं, जो उनके नजदीकी क्षेत्र में स्थित है। मतदान के लिए सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। पोलिंग बूथ की दूरी को लेकर कोई भी समस्या अभी तक सामने नहीं आई है।

महेश कैथल, एसडीएम कैसरगंज

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