सेप्टीसीमिया से हुई थी सेंचुरी क्षेत्र में मृत पाए गए बाघ की मौत
Bahraich News - बहराइच के कतर्निया रेंज में गेरुआ नदी के किनारे मृत पाए गए 12 वर्षीय नर बाघ की मौत का कारण सेप्टीसीमिया बताया गया है। बिसरा रिपोर्ट में जहरीले केमिकल की पुष्टि नहीं हुई है। वन विभाग ने राहत की सांस ली...

बहराइच,संवाददाता। कतर्निया रेंज के सदर बीट में गेरुआ नदी के किनारे मृत पाए गए बाघ के मौत से संशय दूर हो गया है। बिसरा रिपोर्ट में बाघ के मौत की वजह सेप्टीसीमिया से होने की पुष्टि की गई है। आसपास जहरीले केमिकल होने की पुष्टि भी बिसरा रिपोर्ट में नहीं की गई है। सभी अंग भी सुरक्षित पाए गए हैं। मौत की वजह स्पष्ट होने के बाद वन विभाग ने राहत की सांस ली है। कतर्निया सेंचुरी क्षेत्र के कतर्निया रेंज के गेरुआ नदी के किनारे एक फरवरी को 12 वर्षीय नर बाघ का शव बरामद किया गया था। बाघ के आंख, नाखून व कैनाइन पूरी तरह से सुरक्षित पाए गए थे। तीन चिकित्सकों की टीम ने शव का पोस्टमार्टम किया था। लेकिन मौत की वजह स्पष्ट नहीं हो पाई थी। इस पर बिसरा संरक्षित कर भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान बरेली भेजा गया था। इसके अलावा शव बरामद स्थल से घातक केमिकल होने की आशंका को देखते हुए साक्ष्य भी संकलित किए गए थे। दो माह बाद बिसरा रिपोर्ट सामने आ गई है। प्रयोगशाला जांच में केमिकल से बाघ की मौत की संभावना गलत साबित हुई है। बल्कि सेप्टीसीमिया से मौत होने की पुष्टि की गई है।
बाघ संरक्षित क्षेत्र में बढ़ाइ गई है गश्त
गेरुआ नदी के किनारे मृत पाए गए बाघ के शव के बाद कतर्निया सेंचुरी क्षेत्र के सातों रेंजों में गश्त बढ़ाई गई है। रिपोर्टिंग का तरीका भी बदला गया है। तय शेड्यूल के तहत वनकर्मियों की टीम 24 घंटे अपने-अपने क्षेत्रों में गश्त कर रही है। गर्मी को देखते हुए तालाबों, पोखरों व नदियों के किनारे विशेष रूप से निगरानी की जा रही है, ताकि वन्यजीवों की सुरक्षा को खतरा न पैदा हो सके।
एक फरवरी को गेरुआ नदी के किनारे मृत पाए गए बाघ की बिसरा रिपोर्ट आ गई है। उसमें सेप्टीसीमिया से मौत की पुष्टि की गई है।
बी शिवशंकर, डीएफओ, कतर्नियाघाट
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