ब्रिटिश सरकार के समय बने रुपईडीहा रेलवे स्टेशन भवन पर चला बुलडोजर
रुपईडीहा में 137 साल पुराने रेलवे स्टेशन को ध्वस्त किया गया है। यह कदम रेलवे स्टेशन के नए निर्माण के लिए उठाया गया है, जिससे नेपाल के यात्रियों को भारतीय क्षेत्रों में आवागमन में सहूलियत मिलेगी। रेलवे...
रुपईडीहा, संवाददाता। नेपाल सीमा से लगे रुपईडीहा में 137 साल पुराने ब्रिटिश सरकार में बने रुपईडीहा रेलवे स्टेशन पर भवन पर शनिवार को बुलडोजर चल गया। अमान परिवर्तन को लेकर चल रही कवायद के तहत भवन को ध्वस्त किया गया है। अब नए सिरे से रेलवे स्टेशन का निर्माण कराया जाएगा। इससे सीमा से लगे नेपाल के यात्रियों को भी भारतीय क्षेत्रों में आवागमन करने को लेकर सहूलियतें मिलेंगी। क्षेत्रीय लोगों को भी सुविधा सुलभ होगी। नेपाल सीमा से लगे रुपईडीहा में वर्ष 1886 में ब्रिटिश सरकार की ओर से गोंडा तक रेलवे लाइन का निर्माण कराया गया था। नेपाल से यात्रियों को लाने- ले जाने के लिए कस्बे में रेलवे स्टेशन का निर्माण कराया गया था। शुरुआत में यहां से चार ट्रेनों का संचालन गोंडा तक हो रहा था, लेकिन समय के साथ ट्रेनों की संख्या घटती बढ़ती रहीं। अब केंद्र सरकार ने नेपाल से प्रगाढ़ रिश्तों को लेकर एक बड़ी पहल की है। नेपाल सीमा से सटे भारतीय क्षेत्र व नेपाली यात्रियों को रेल सुविधा बेहतर प्रदान करने के लिए भारत के रेल मंत्रालय ने बहराइच से नेपालगंज रोड तक 56 किलोमीटर रेल मार्ग का आमान परिवर्तन व रेलवे स्टेशन का निर्माण को मंजूरी दी है। इसके लिए 342 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है। अमान परिवर्तन का कार्य तेजी से चल रहा है। इसके तहत अब पुराने रेलवे स्टेशन भवन को भी बुलडोजर लगाकर शनिवार को ढहा दिया गया। ब्राडगेज की पटरियां बिछाने व रिसिया, मटेरा, नानपारा, बाबागंज व नेपालगंज रोड रेलवे स्टेशनों का नवनिर्माण होना है।
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