महाकुंभ जाने वाले नेपाली श्रद्धालुओं से भरी रोडवेज की झोली
Bahraich News - प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में 15,000 से अधिक नेपाली श्रद्धालु डुबकी लगा चुके हैं। श्रद्धालु खुश हैं और हर रोज 500 से अधिक लोग त्रिवेणी में स्नान करने पहुंच रहे हैं। इससे परिवहन विभाग को 83 लाख...
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डुबकी लगाकर श्रद्धालु खुश, सरकार की तारीफ की रोजाना 500 से अधिक श्रद्धालु त्रिवेणी में डुबकी लगाने पहुंच रहे
कुछ तथ्य
- 15 हजार नेपाली श्रद्धालु पहुंचे महाकुंभ
- 10 नेपाली जिलों के पहुंच रहे श्रद्धालु
- 83 लाख रुपये हुई आमदनी
- 500 नेपाली श्रद्धालु हर रोज पहुंच रहे रुपईडीहा
बहराइच/रुपईडीहा, संवाददाता। प्रयागराज में जारी महाकुंभ में अब तक बड़ी संख्या में नेपाली श्रद्धालु डुबकी लगा चुके। श्रद्धालु खुश हैं। इसे लेकर रोडवेज बस स्टेशन पर भीड़ जमी है। परिवहन विभाग ने भी रिकार्ड राजस्व कमाया है। अब तक 83 लाख रुपए की आमदनी हुई है।
भारत की सीमा से नेपाल के 10 जिलों की सीमा लग रही है। इन जिलों में रहने वाले हिंदु समुदाय के लोग भारतीय त्योहारों व पर्वों को धूमधाम से मनाते हैं। अब जब महाकुंभ में अमृत स्नान हो रहा है, तो हर रोज सैकड़ों की संख्या में नेपाली श्रद्धालु त्रिवेणी में डुबकी लगाने के लिए रुपईडीहा रोडवेज पर डट रहे हैं। 26 जनवरी से लेकर अब रुपईडीहा से सीधे प्रयागराज पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 15 हजार के पार पहुंच चुकी है। इससे निगम को अब तक 83 लाख से अधिक राजस्व का फायदा हो चुका है।
इस सम्बंध में भारत नेपाल मैत्री संघ के अध्यक्ष प्रदीप गुप्ता ने बताया कि जनकपुर धाम के जानकी मंदिर के उत्तराधिकारी महंत रोशन दास के नेतृत्व में नेपाली श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए खालसा का निर्माण किया गया। यही नही धर्मराज मंदिर ऋषिकेश के महंत महामंडलेश्वर विष्णु दास ने भी भारतीय व नेपाली श्रद्धालुओं के लिए आवास व खानपान की व्यवस्था की थी। भारत नेपाल खुली सीमा संवाद समूह के अध्यक्ष डॉ राजीव झा अपने पिता पंडित गंगेश झां के साथ पूरा परिवार प्रयागराज जा चुके। बांके जिले की शिवसेना के अध्यक्ष राजकुमार रौनियार ने कहा कि भारतीय सुरक्षा कर्मियों ने सम्मान पूर्वक तीर्थ यात्रियों को प्रयागराज जाने दिया।
रोजाना 10-15 बसें प्रयागराज जा रहीं
रुपईडीहा डिपो से नित्य 10 से 15 बसें अभी भी नेपाली यात्रियों को लेकर महाकुंभ स्नान कराने जा रही हैं। रुपईडीहा डिपो के इंचार्ज बीएन जायसवाल ने बताया कि सम्मान पूर्वक नेपाली यात्रियों को बसों में बैठाया जा रहा है। रुपईडीहा बस डिपो से नेपाली जिला बांके, बर्दिया, कंचनपुर, कैलाली, सुर्खेत, दांग, जाजरकोट, सल्यान, रुकुम, रोल्पा, जुम्ला, हुमला व दैलेख जिलों से हजारों की संख्या में नेपाल के श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई है। यही नही नेपाल के राजधानी काठमांडू तक के तीर्थयात्रियों ने इस डिपो से यात्रा की है।
कोट
महाकुंभ की त्रिवेणी में अमृत स्नान करने वाले नेपाली श्रद्धालुओं के लिए रुपईडीहा से सीधी प्रयागराज तक बस सेचा संचालित हो रही है। अब तक 15 हजार से अधिक नेपाली श्रद्धालु बस से सफर कर चुके हैं। इससे राजस्व में भी भारी इजाफा हुआ है। - रामप्रकाश, एआरएम, रुपईडीहा
साथ में
नेपाली कुम्भ यात्रियों से ट्रेवल एजेंसियों ने लिया मनमाना शुल्क
रुपईडीहा। महाकुंभ प्रारंभ के काल से ही रुपईडीहा बार्डर पर स्थित ट्रैवेल एजेंसियों ने मनमाना किराया वसूला। किसी भी सुरक्षा एजेंसी ने इस इर ध्यान ही नहीं दिया। ये लोग मनमाना किराया वसूलते रहे। फायदा उठाकर विभिन्न ट्रेवल एजेंसियों ने भारी धन उगाही की। रुपईडीहा के एक एजेंसी संचालक ने बताया कि सिर्फ दो ही एजेंसियां रजिस्टर्ड हैं। बाकायदा जीएसटी देते हैं। यात्रियों के लिए पूरी सुविधा है। इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला भाजपा कार्यकारिणी के सदस्य व पूर्व मंडल अध्यक्ष भाजपा देवेंद्र पाठक ने भी कहा कि नेपाली तीर्थयात्री प्रयागराज का किराया ही नहीं जानते थे। शीघ्र पहुंचने के लिए नेपाली तीर्थयात्री जो मांगा जा रहा था उतना दे देते थे। एजेंसी संचालकों ने 15 से 20 हजार रुपयों की धन उगाही की।
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