बंदरों के आतंक से कस्बे के लोगों का जीना मुश्किल
Bahraich News - नेपाल सीमा से सटे रुपईडीहा कस्बे में बंदरों का आतंक बढ़ता जा रहा है। लोग बंदरों द्वारा सामान उठाने और घरों में घुसने से परेशान हैं। हांका लगाने पर बंदर हमलावर हो रहे हैं। इस समस्या के समाधान के लिए...

हांका लगाने पर हमलावर हो रहे बंदर, पहुंचा रहे नुकसान बंदरों से निजात के लिए कस्बे के लोगों ने वन विभाग को भेजा पत्र
रुपईडीहा संवाददाता। नेपाल सीमा से लगे रुपईडीहा कस्बे में बंदरों का आतंक छाया हुआ है। मकानों के छत से लेकर कमरों तक घुसकर सामान को उठा ले रहे हैं। अब कस्बे के बाजार में भी उनका उपद्रव लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है। हांका लगाने पर बंदरों का झुंड लोगों पर हमलावर हो रहे हैं। इससे परेशान लोगों ने वन विभाग को पत्र भेजकर निजात दिलाने की मांग की है।
कस्बे में बंदरों की संख्या बढ़ती जा रही है। झुंड़ों में बंदर कस्बे में खड़े वाहनों पर ठौर लिए देखे जा रहे हैं। जरा सी चूक होने पर वाहनों में लदे सामनों को बड़े पैमाने पर क्षति पहुंचा रहे हैं। छतों पर सूखते कपड़ों को फाड़ देते हैं। खुले कमरों में घुसकर सामान उठा ले जाते हैं। घरों में घुस कर गृहणियों को डराते हैं। काटने दौड़ते हैं। सोमवार की सुबह पूरा का पूरा झुंड आ गया। कुछ बाइक पर बैठ गए व बजाजा मार्केट के पुल के पास उत्पात करने लगे। बिजली सप्लाई की कबीलों पर चढ़ के घरों के छतों पर पहुंच रहे हैं। बंदरों के उत्पात से विकराल होती समस्या से निजात को लेकर कस्बे के लोग परेशान हैं। कई बार धन देकर इन बंदरों को सेंचुरी क्षेत्र के जंगलों से दूर छोड़े जाने का प्रयास कर चुके हैं, लेकिन बंदर वापस कस्बे में फिर से लौट आते हैं। इसके स्थाई समाधान की ग्रामीणों ने मांग किया है।
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