मरीमाता के पास गूंजेगी वेद ऋचाएं, पतित पावनी सरयू भी होगी निहाल
Bahraich News - 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ को होगा भूमिपूजन, संगीतमय प्रवचन बहेगा प्रवाह अवध
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108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ को होगा भूमिपूजन, संगीतमय प्रवचन बहेगा प्रवाह अवध के पौराणिक स्थलों की माटी से गायत्री महायज्ञ की बनेगी यज्ञशाला
बहराइच,संवाददाता। रविवार का दिन सिर्फ तराई वासियों के लिए ही खास नहीं होगा, बल्कि सरयू भी निहाल होगी। जब 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ को लेकर अवध क्षेत्र के विभिन्न पौराणिक स्थलों के माटी व जल से नदी से चंद कदम पर हवन कुंड संग यज्ञशाला आकार लेगी। वेद ऋचाओं की गूंज से पूरी तराई आध्यात्म को आत्मसात करती दिखेगी। संगीतमय प्रवचन के प्रवाह से तराई क्षेत्र भी धन्य होगी।इसमें हरिद्धार समेत कई स्थानों से विद्धान आचार्य हिस्सा ले रहे हैं।
शहर के गोलवाघाट सरयू के पास स्थित संस्कार सृजन इंटर कॉलेज परिसर में पहली बार अखिल विश्व गायत्री परिवार के तत्वावधान में प्रदेश स्तरीय 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ 25 फरवरी से शुरू हो रही है, जो 29 तक अनवरत चलेगी।इससे पूर्व रविवार को विधि-विधान से विद्यान आचार्यों की ओर से भूमिपूजन कराया जाएगा। नैमिषारण्य, गोला गोकर्णनाथ, कोटवाधाम,, अयोध्याधाम, जंगलीनाथ, मंगलीनाथ, पृथ्वीनाथ, राम जानकारी, मरीमाता मंदिर समेत अवध क्षेत्र के तमाम पौराणिक स्थलों के रज व जल संगम से हवनकुंड का निर्माण कराया जा रहा है। गायत्री परिवार संयोजक मनीराम वर्मा बताते हैं कि बालविवाह, नशा उन्मूलन समेत समाज में फैली विभिन्न कूरीतियों को दूर करने व समाज में धर्म के प्रति आस्था को बढ़ाने के लिए यह महायज्ञ होने जा रहा है, ताकि सरयू को साक्षी मानकर लोग कुसंगति का रास्ता छोड़कर राष्ट्रजागरण की दिशा में चलें। बताया कि 108 कुंडीय शक्ति संवर्धन गायत्री महायज्ञ, संगीत प्रवचन के साथ पुस्तक मेले का भी आयोजन किया जा रहा है, ताकि लोग पुस्तकों के जरिए खुद में परिवर्तन लाने का दृढ़ संकल्प ले सकें। सरयू के पास हो रहे महायज्ञ के अनुष्ठान में प्रदेश के विभिन्न जिलों से भी श्रद्धालु बड़ी संख्या में हिस्सा ले रहे हैँ।सरयू को साक्षी मानकर व्यसनों से दूर रहने का भी संकल्प दिलाया जाएगा।
अभियान चलाकर रज व जल किए एकत्र
एसडीए मिश्र ने बताया कि लोककल्याण के लिए आयोजित हो रहे 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ के प्रति आस्था का अनहद हर ओर गूंज रहा है। इसके लिए अभियान चलाकर रज व जल एकत्र किया गया है। जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने सहभागिता भी किया है।
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