घरों पर बुलडोजर कानून सम्मत नहीं
Bahraich News - बहराइच में ककरहा और मुर्तिहा के परंपरागत वन निवासियों के घरों पर अतिक्रमण के नाम पर बुलडोजर चलाने का प्रयास किया जा रहा है। सामाजिक कार्यकर्ता जंग हिन्दुस्तानी ने डीएम से अपील की है कि वन अधिकार कानून...

बहराइच, संवाददाता। अतिक्रमण के नाम पर ककरहा और मुर्तिहा के अन्य परंपरागत वन निवासियों के घरों पर बुलडोजर चलाने से पूर्व वन अधिकार कानून 2006 के प्राविधानों का समुचित परिपालन करने को संसूचित व सचेत किए जाने की जरूरत है। सामाजिक कार्यकर्ता जंग हिन्दुस्तानी ने डीएम से अपील की है कि वन विभाग सरकार की छवि को धूमिल करने का प्रयास कर रहा है। भारत नेपाल सीमा से 5 किलोमीटर के भीतर अतिक्रमण हटाने के नाम पर मोतीपुर के ककरहा के एक परिवार व मुर्तिहा के नौ परंपरागत निवासी परिवारों के घरों व अन्य परंपरागत वन निवासियों के सामुदायिक अधिकार के तहत उनके पवित्र पूजा स्थल/मंदिर को अतिक्रमण बताकर उन्हें ध्वस्त कराना चाहता है। जो कि वन अधिकार कानून 2006 का सरासर उल्लंघन है। यह सभी पवित्र स्थल वन विभाग के अस्तित्व में आने के पूर्व से स्थित है जिसे जनपद बहराइच के 1903 के गजेटियर और वन प्रबंधन कार्य योजना 1908 व इंपीरियल फॉरेस्ट सर्वे ऑफ़ इंडिया 1902 के मानचित्र में वर्णन किया गया है। उन्होंने कहा कि इन वनबस्ती ग्रामों के लिए ग्राम स्तरीय वन अधिकार समितियों के गठन की प्रक्रिया चल रही है जिसके समक्ष दावा प्रस्तुत किया जाना है। जिलाधिकारी से अपील की है कि बिना विकल्प दिए अथवा सुनवाई का पर्याप्त अवसर दिए बिना किसी भी वन निवासी के परिवार को बेदखल ना किया जाए।
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