बुद्ध पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं ने नदियों में किया स्नान
Bahraich News - बुद्ध पूर्णिमा पर लोगों में उत्साह देखने को मिला। विभिन्न स्थानों पर चर्चा परिचर्चा आयोजित की गई। ग्रामीणों ने सरयू और राप्ती नदी में स्नान करके पुण्य कमाया। पूजा आरती के साथ महात्मा बुद्ध का जन्म...

स्नान दान, हवन आरती करके पुण्य कमाया जगह जगह हुए आयोजन लोगों ने बुद्ध् पूर्णिमा पर चर्चा की बहराइच/बाबागंज। बुद्ध पूर्णिमा पर लोगों में भारी उत्साह रहा। जगह जगह चर्चा परिचर्चा आयोजित की गई। नदियों में स्नान दान के साथ लोगों ने पुण्य कमाया। ग्रामीण इलाके में धूमधाम से बद्ध पूर्णिमा मनाया गया। चरदा,जमोग़, बरवलिया, अगैय्या चौराहा, शंकरपुर, सुकई गांव, बख्तावर गांव, हकीम गांव, बरगदहा, चिलबिला, सहित आसपास के गांव के ग्रामीणों ने सुबह सरयू व राप्ती नदी में स्नान किया। पंडित अशोक पाठक ने बताया इस पूर्णिमा/ में स्नान- दान का है विशेष महत्व है मान्यता है कि बुद्ध पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु ने धरती पर बुद्ध रूप मे अवतार लिया था।
भगवान बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त कर समाज को नई दिशा प्रदान की थी। दान-पुण्य का विशेष महत्त्व है। बाबागंज के चौरी कुटिया माता समय मंदिर,बाबा परमहंस कुटी मंदिर,मौनी दास कुटिया मंदिर में श्रद्धालुओं ने पूजा आरती की। उधर दीवानी न्यायालय परिसर में महात्मा बुद्ध का जन्म दिवस मनाया गया। उपस्थितजनों ने महात्मा बुद्ध के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित किया। वरिष्ठ अधिवक्ता एवं पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष अनिल त्रिपाठी ने कहा कि भगवान बुद्ध ने जीवन के दुख को दूर करने का एक मार्ग खोजने के लिए अपने राजसी जीवन का परित्याग किया । एडवोकेट संजीव ने कहा कि भगवान बुद्ध अहिंसा और करुणा में विश्वास रखते थे । शिक्षाविद् रमेश मिश्रा ने कहा कि बुद्ध ने कर्म और पुनर्जन्म के सिद्धांत को स्वीकार किया। बुद्ध की शिक्षा आत्मसात करने के संकल्प के साथ कार्यक्रम समाप्त किया । चंद्र प्रकाश मिश्र, गोपाल तिवारी , राम कुमार शर्मा , रमेश कुमार आदि थे।
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