बहराइच-हॉटस्पॉट गांव पयागपुर में बांस न बल्ली, 10 फीसद को ही लगी वैक्सीन
हाल-ए-गांव (वैश्विक महामारी कोरोना जिले में भयंकर रूप ले चुकी है। इधर तीन
हाल-ए-गांव
(वैश्विक महामारी कोरोना जिले में भयंकर रूप ले चुकी है। इधर तीन चार दिनों से मरीजों की संख्या घटी अवश्य है, किन्तु लोग बीमारी की चपेट में तो आ ही रहे हैं। रविवार को हिन्दुस्तान ने पयागपुर गांव का जायजा लिया। जहां लोग कोरोना को लेकर बेफिक्र नजर आए। गांव में सामान्य दिनों जैसे हालात अभी भी हैं। गांव सिर्फ कहने के लिए हॉटस्पॉट है। यहां न तो बैरीकेडिंग की गई है, और न ही पूरे गांव को सेनेटाइज किया गया है- पेश है रिपोर्ट)
पयागपुर। हिन्दुस्तान संवाद
पयागपुर ब्लॉक क्षेत्र में आबादी के हिसाब से तीसरा सबसे बड़ा गांव पयागपुर है। जिसे हॉटस्पॉट घोषित किया गया है। यहां 4 लोग कोरोना वायरस पॉजिटिव मरीज हैं, इसके बावजूद गांव में लोगों का बेरोकटोक आवागमन बना हुआ है। तमाम लोगों को यह भी नहीं पता कि हॉटस्पॉट का मतलब क्या होता है, और इसको लेकर क्या गाइडलाइन जारी की गई है।
अपरान्ह के लगभग 2 बज रहे हैं। पयागपुर में जनजीवन सामान्य हैं। लोगों की बेरोकटोक आवाजाही है। हॉटस्पॉट गांव होने के बावजूद भी ग्रामीणों की थर्मल स्क्रीनिंग नहीं हुई है। पूर्व में पयागपुर ग्रामसभा की आबादी लगभग 10,000 थी, जिसमें लगभग 6000 मतदाता थे। अब पयागपुर ग्राम नगर पंचायत का हिस्सा बन चुका है। यहां की प्रधान रहीं सुनीता सिंह अब जिला पंचायत सदस्य बन चुकी हैं। गत वर्ष कोविड-19 की रोकथाम के लिए गांव में हजारों रुपये के थर्मल स्क्रीनिंग एवं अन्य मेडिकल उपकरण खरीदे गए थे, किंतु अब इनका कोई पता नहीं है। गांव में बजबजाती नालियां एवं जगह-जगह कूड़े के ढेर लोगों का इस्तकबाल कर रहे हैं। शासन की गाइडलाइन के मुताबिक गांव में कोविड-19 के संक्रमण का एकल प्रकरण होने के फलस्वरूप 25 मीटर रेडियस होता है। एक से अधिक संक्रमण के प्रकरण पाए जाने पर कन्टेनमेन्ट ज़ोन का दायरा 50 मीटर रेडियस का हो जाता है, लेकिन यहां बांस न बल्ली हॉटस्पॉट सिर्फ कागजों में चल रहा है।
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गंदगी से संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ा
अपराह्न दो बजे अपने घर के बाहर बैठे हुए ददऊ शुक्ला से जब गांव में किए गए सेनेटाइजेशन एवं साफ सफाई के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि साफ-सफाई काफी दिनों से नहीं हुई है। वे लोग अपने आप साफ-सफाई करते हैं। इसके अलावा नालियों की सफाई करने सफाई कर्मी नहीं आता है, जिससे नालियां चोक पड़ी हैं। जिसमें से भयंकर दुर्गंध उठ रही है। जिससे संक्रमण का और भी खतरा उत्पन्न होने की संभावना बनी हुई है। कोरोना को लेकर किसी की जांच नहीं कराई गई है।
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90 प्रतिशत गांव को नहीं किया गया सेनेटाइज
अपने मुख्य द्वार के पास ह्वील चेयर पर बैठे दिव्यांग अतुल कुमार सिंह ने बताया कि केवल प्रभावित परिवारों के आस-पास से सेनेटाइजेशन करके खानापूर्ति की गई है। इसके अलावा अन्य कहीं सफाई कार्य नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि गांव का लगभग 90 फ़ीसदी इलाका अभी भी सेनेटाइज नहीं हुआ है। नालियां पटी पड़ी हैं जिनकी सफाई नहीं कराई गई है। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों का कहना है कि संक्रमण से बचने के लिए आस-पास साफ-सफाई रखना बहुत जरूरी है, किन्तु यहां कोई साफ-सफाई नहीं है।
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अधिकाशं लोगों ने वैक्सीन में रुचि नहीं दिखाई
पयागपुर गांव में वर्तमान में 4 कोरोना के एक्टिव केस हैं। इसके पहले भी 12 ग्रामीण कोरोना के शिकार हो चुके हैं। इसके बावजूद आलम यह है कि मात्र 10 फ़ीसदी लोगों ने ही कोविड वैक्सीनेशन कराया है। 90 फ़ीसदी लोगों ने वैक्सीनेशन कराने में कोई रुचि नहीं दिखाई है। वैक्सीनेशन को लेकर लोगों गांव में तमाम भ्रांतियां हैं, जिन्हें दूर नहीं किया जा रहा है। कुछ जानकार लोगों का कहना है कि वैक्सीनेशन न होने से संक्रमण बढ़ता जा रहा है।
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प्रभावित परिवार के अलावा किसी की नहीं हुई जांच
ग्रामीणों का कहना है कि प्रभावित परिवार एवं उसके आस-पास के परिवारों की ही जांच की जा सकी है। इसके अलावा गांव में तमाम लोग ऐसे हैं जिनकी जांच अभी तक नहीं कराई गई है। दोपहर में कड़ी धूप के कारण लोग अपने घरों में कैद रहते हैं। इक्का-दुक्का लोग ही घर के बाहर दिखाई पड़ दरवाजे पर बैठे रहते हैं। सुबह व शाम के समय स्थिति आम दिनों की अपेक्षा सामान्य रहती है। कोरोना को लेकर यहां कोई भय नहीं है।
कोरोना एक्टिव लोगों की निगरानी की जा रही है: अधीक्षक
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के अधीक्षक डॉ. मृत्युंजय पाठक ने बताया कि हॉटस्पॉट एरिया पयागपुर में सभी एक्टिव लोगों का होम आइसोलेशन के दौरान ट्रीटमेंट किया जा रहा है। पूरी गाइडलाइन लोगों को समझाई गई है। इसके अलावा रैपिड रिस्पांस टीम को भी लगाया गया है, जिसमें डॉ. मोहम्मद यूसुफ एवं मोहन विश्वास की टीम लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उनका हालचाल ले रही है। एक्टिव लोगों के पूरी निगरानी की जा रही है। किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती जा रही है।
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