एक माह के भीतर दूसरी बार चर्चित हुआ गंडारा
बहराइच, प्रमोद सोनी। मुंबई ईस्ट में एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में फरार
बहराइच, प्रमोद सोनी। मुंबई ईस्ट में एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में फरार दूसरे आरोपी शिवा गौतम के साथ ही इसी गांव के अन्य चार युवकों की गिरफ्तारी पर रविवार रात से यह गांव दूसरी बार चर्चित हो गया है। एक माह पूर्व एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की मुबंई ईस्ट में 12 अक्तूबर की रात दुस्साहसिक तरीके से हत्या, गंडारा के बाशिंदे धर्मराज कश्यप की हरियाणवी गुरुमेल के साथ गिरफ्तारी, गंडारा के ही शिव कुमार गौतम उर्फ शिवा की फरारी से गांव के लोग हैरत में थे। इस बार तो इसी मामले में शिवा सहित पांच की गिरफ्तारी लारेंस विश्नोई गैंग से जुड़े होने की वजह से काफी चर्चा में है।
नेपाल से दिल्ली जा रही बस से उसकी गिरफ्तारी ने यह खुलासा किया है कि लारेंस गैंग की ने नेपाल में काफी गहरी पैठ बना रखी है। शिवा के चार मददगार तो बस मोहरे भर ही हैं। इसमें महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि पांच दिन पहले से ही एक- एक कर धर्मराज, अखिलेन्द्र, आकाश व ज्ञान अपने परिजनों से कोई न कोई बहाना बनाकर घर से निकले थे। विजयादशमी के बाद जब कैसरगंज थाने के गंडारा के बाशिंदों को दशहरा व शारदीय नवरात्र के बाद 12 अक्तूबर को चौंकाया तो इस बार डाला छठ पूजा के बाद चौकाने की बारी रही। रविवार शाम लगभग सात बजे से ही शिवा की नानपारा के हाड़ा बसेहरी बाईपास पर गिरफ्तारी की भनक पहुंच चुकी थी। इसमें खास तथ्य यह था कि 12 अक्तूबर के बाद गंडारा पहुंची मुंबई एटीएस व क्राइम ब्रांच गिरफ्तार धर्मराज कश्यप के बड़े भाई अनुराग कश्यप के अलावा उसके चचेरे भाई हरीश कश्यप को हिरासत में लेकर मुंबई ले गई थी। तहकीकात के बाद जहां हरीश को हत्याकांड में की गई फंडिंग में जेल भेज दिया था। एक सप्ताह बाद अनुराग को छोड़ दिया गया था। उसे एसटीएफ ने राडार पर रखा था। उसकी गतिविधियों पर पैनी निगाह थी। उसकी गतिविधियों से ही अखिलेन्द्र, ज्ञान, आकाश भी एसटीएफ की निगाहों के दायरे में थे। शिवा की गिरफ्तारी से पूर्व इन चारों को हिरासत में ले लिया गया था।
अब गंडारा इसलिए और चर्चा का वायस बन गया है, क्योंकि मुंबई ईस्ट में एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में धर्मराज कश्यप के अलावा उसका भाई अनुराग कश्यप, चचेरा भाई हरीश कश्यप, बड़े भाई अनुराग के तीन दोस्त अखिलेन्द्र, ज्ञान, आकाश के अलावा मुख्य आरोपी शिवा गौतम सहित सातों आरोपी गंडारा गांव के हैं। इनमें हरीश व शिवा लगभग तीन वर्ष पहले से पूना में कबाड़ के कारोबार से जुड़े थे। धर्मराज तो गिरफ्तारी से दो माह पूर्व कबाड़ के कारोबार के लिए पूना गया हुआ था।
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