.... बिगड़ी मेरी तकदीर बनाने के लिए आ
नानपारा, संवाददाता। नगर के मोहल्ला तोपखाना में सफीर नानपारवी के आवास
नानपारा, संवाददाता। नगर के मोहल्ला तोपखाना में सफीर नानपारवी के आवास पर अंजुमन गुलज़ार-ए-अदब नानपारा की तरही नशिस्त का आयोजन किया गया। मिसरा था- तू मुझसे ख़फ़ा है तो ज़माने के लिए आ। सदारत सहाफ़ी व शायर शकील अंसारी ने की। मेहमान खुसूसी शायर व अदीब शारिक रब्बानी रहे। निज़ामत शायर व साहित्यकार रोशन ज़मीर ने किया।
शायर एवं साहित्यकार रोशन जमीर ने कहा -उससे कलीम हाल पे फिर जाकर बात कर- फिर उसका हुक्म क्या है सुनाने के लिए आ। शायर शरीक रब्बानी ने कहा - प्यार के दो बोल भी मुझको सुना दोगे अगर, तेरे कदमों पर सारिक मैं फ़िदा हो जाऊंगा। शकील अंसारी ने पढ़ा- साज़िश से खिजाओं की जो सूख चुके हैं, फिर बाग ए मुहब्बत वो लगाने के लिए आ। कैफ़ नानपारवी ने पढ़ा- उलझे रहेंगे गैसूए पूरनम से कब तलक, बिगड़ी मेरी तकदीर बनाने के लिए आ। सफ़ीर नानपारवी ने पढ़ा- टूटे कहीं न आरजू दिल की मेरे सफ़ीर, सोया हुआ जमीर जगाने के लिए आ। नशिस्त में शोरा के अलावा लल्लन अंसारी, हलीम अन्सारी, अबरार, चन्द्रभाल और छोटकऊ मंसूरी आदि ने शिरकत की।
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