सेनानी उत्तराधिकारियों ने पुण्यतिथि पर क्रांतिकारी ढींगरा को याद किया
बहराइच के सेनानी भवन सभागार में क्रांतिकारी मदनलाल ढींगरा की 115वीं पुण्यतिथि मनाई गई। मदनलाल ढींगरा ने 1909 में लंदन में सर विलियम हट कर्जन वायली की हत्या की थी। उनकी फांसी के बाद हजारों नौजवान आजादी...
बहराइच, संवाददाता। सेनानी भवन सभागार में क्रांतिकारी मदनलाल ढींगरा की 115 वीं पुण्यतिथि मनाई गई। सेनानी उत्तराधिकारियों ने उनके क्रांतिकारी विचारों एवं उससे देश के नौजवानों में उमड़े आक्रोश पर चर्चा की। संगठन संरक्षक एवं पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष अनिल त्रिपाठी ने कहा कि मदनलाल ढींगरा भारतीय राष्ट्रवादी थे, जिन्होंने 1909 में यूनिवर्सिटी कालेज लंदन में छात्र रहते हुए लंदन में भारत के सचिव के राजनीतिक सहयोगी सर विलियम हट कर्जन वायली की हत्या कर दी थी। कार्यवाहक प्रदेश महासचिव रमेश मिश्रा ने कहा कि ढींगरा के मन पर देश की गरीबी को देखकर बहुत असर हुआ। उन्होंने देश में गरीबी और सूखे के व्यापक हालत को समझने के लिए साहित्य का अध्ययन किया और पाया कि इस समस्या का एक ही समाधान है वह है स्वराज और स्वदेशी आंदोलन। लंदन के इंडिया हाउस में रविवार की एक बैठक में वीर सावरकर भारत की आजादी पर एक गंभीर भाषण दे रहे थे, ढींगरा उससे प्रभावित हुए। एक जुलाई 1909 को शाम को इंडियन नेशनल एसोसिएशन के वार्षिकोत्सव में भाग लेने के लिए भारी संख्या में भारतीय और अंग्रेज इकट्ठा हुए, जैसे ही कर्जन वायली अपनी पत्नी के साथ हाल में घुसे, ढींगरा ने उनके चेहरे पर पांच गोलियां दाग दीं, जिससे उनकी मृत्यु हो गई, उन्हें गिरफ्तार किया गया और 17 अगस्त 1909 को पेंटन विला जेल में फांसी दे दी गई।
समाजसेवी पवन सिंह ने कहा की छोटी सी उम्र में देश के दुश्मनों से लंदन में जाकर बदला लेना एक बड़ी घटना थी, उनकी फांसी से हजारों नौजवान आजादी के आंदोलन में उद्देलित हुए और ब्रिटिश सरकार का व्यापक स्तर पर विरोध शुरू हुआ। कार्यक्रम में अमिताभ शंकर त्रिपाठी एडवोकेट, विनय तिवारी, रवि जायसवाल, सुफियान अली, शाहिद आदि मौजूद थे।
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