बहराइच में पुलिस फोर्स की भारी तैनाती, कड़ी सुरक्षा में हिंसा में मारे गए युवक का अंतिम संस्कार संपन्न
उत्तर प्रदेश में बहराइच के महसी क्षेत्र में मूर्ति विसर्जन जुलूस के दौरान पथराव और फायरिंग की घटना में युवक की मौत के बाद भड़की हिंसा में मारे गए युवक का अंतिम सस्कार संपन्न हो गया है।
उत्तर प्रदेश में बहराइच के महसी क्षेत्र में मूर्ति विसर्जन जुलूस के दौरान पथराव और फायरिंग की घटना में युवक की मौत के बाद भड़की हिंसा में मारे गए युवक का अंतिम सस्कार संपन्न हो गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) अमिताभ यश और गृह सचिव संजीव गुप्ता बहराइच के महराजगंज दोपहर में ही पहुंच गए और खुद कमान संभाल ली है। हिंसा के शिकार गोपाल मिश्रा का अंतिम संस्कार कड़े सुरक्षा बंदोबस्त के बीच करने के बाद प्रशासन ने राहत की सांस भी ली है।
प्रशासन के अनुसार अब स्थिति नियंत्रण में है। उपद्रव थम गया है। अराजक तत्वों की तलाश तेज कर दी गई है। उनकी धरपकड़ के लिए छापेमारी हो रही है। 12 कंपनी पीएससी, 02 कंपनी सीआरपीएफ, 01 कंपनी आरएएफ और गोरखपुर ज़ोन की पुलिस फोर्स को बहराइच में लगाया गया है। प्रशासन और पुलिस ने जनता से अपील की है कि अफवाहों और भ्रामक खबरों से सावधान रहें। माहौल को बेहतर बनाने के लिए 4 आईपीएस, 2 एएसपी, 4 सीओ की तैनाती इलाके में की गई है।
अब तक 30 से अधिक उपद्रवियों को हिरासत में लिया गया है। 10 के विरुद्ध एफआईआर कई गई है इनमें 4 नामजद हैं। इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं और आसपास के स्कूल, बाजार भी बंद हैं। चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा बल तैनात कर दिए गए है। इससे पहले हिंसा में मारे गए युवक गोपाल मिश्रा के शव का सोमवार सुबह पोस्टमार्टम किया गया। शव परिजनों को सौंपे जाने के बाद भीड़ और आक्रोशित हो गई। हजारों की संख्या में लोग शव लेकर तहसील की ओर बढ़ गए। इस बीच कुछ दुकानो में आगजनी की गयी। भीड़ हिंसा में शामिल लोगों की अविलंब गिरफ्तारी की मांग कर रही थी।
महाराजगंज बाजार, रेहुआ मंसूर गांव और आसपास के करीब दो दर्जन से ज़्यादा गांव के लोग लाठी, डंडे से लैस होकर प्रदर्शन में शामिल हैं। हालात को देखते हुए कमश्निर, जिलाधिकारी, पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस उपमहानिरीक्षक समेत सभी आला अधिकारी इलाके में डेरा डाले हुए हैं। हिंसा में दर्जन भर लोग घायल हुए थे, जिनका इलाज चल रहा है।
इस मामले में अब तक करीब 25 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। घटना के बाद से पूजा कमेटी लगातार आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग पर अड़ी रही, देर रात तक आरोपियों को फांसी देने के नारे सड़कों पर गूंजते रहे। देर रात तक प्रदर्शन और जगह-जगह आगजनी की घटनाएं सामने आई हैं। पुलिस और प्रशासन बैकफुट पर नजर आया। एक साथ पूरे जिले में शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों ने आला अधिकारियों को भी सकते में डाल दिया।
पुलिस अधीक्षक वृंदा शुक्ला ने बताया कि अपने दायत्यिों में लापरवाही को लेकर एसएचओ और महसी चौकी प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है। घटनाक्रम की सघन जांच चल रही है। कर्तव्यों में लापरवाही बरतने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। हालांकि, एसपी की कार्रवाई के बाद भी लोगों में आक्रोश बना हुआ है। जिलाधिकारी मोनिका रानी ने कहा कि हम हालात को काबू करने के प्रयास कर रहे हैं। उधर, डीजीपी लॉ एंड आर्डर अमिताभ यश बेकाबू भीड़ को सड़क पर खुद खदेड़ते नजर आये।
लोगों का कहना है कि थाने की पुलिस के साथ-साथ सीओ रुपेन्द्र गौड़ ने भी लापरवाही बरती और लाठियां भांजी। लोग इनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। एसपी की अगुवाई में महाराजगंज कस्बे में हंगामा करने वालों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया है। पुलिस ने कस्बे में घेराबंदी कर रखी है और संदिग्धों को पकड़ने का प्रयास कर रही है।
एसपी ने हंगामे के पीछे की वजहों का पता लगाने के लिए जांच के आदेश भी दिए हैं। पुलिस ने हिंसा में शामिल अब्दुल हमीद, रिंकू उर्फ सरफराज,फहीम,राजा उर्फ ताहिर खान, मारुफ अली के अलावा चार अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।