मिस्टर एंड मिसेज के चक्कर में चकरघिन्नी बना परिवहन विभाग
संभागीय परिवहन विभाग में मोबाइल नंबर अपडेट करने में समस्या आ रही है। रजिस्ट्रेशन में नाम के आगे 'मिस्टर' या 'मिसेज' होने के कारण लगभग एक हजार नंबर अपडेट नहीं हो पा रहे हैं। आधार कार्ड और आरसी में नाम...
संभागीय परिवहन विभाग में मोबाइल नंबर अपडेट करने की शुरूआत की गई, तो चौंकाने वाला मामला सामने आया। कॉमर्शियल वाहन स्वामियों के रजिस्ट्रेशन (आरसी) में नाम के आगे मिस्टर या फिर मिसेज लिखा हुआ है, जबकि आधार पर नाम के आगे मिस्टर या मिसेज दर्ज न होने से मोबाइल नंबर अपडेट नहीं हो रहे हैं। मिस्टर और मिसेज शब्द वाले करीब एक हजार मामलों ने विभाग को चकरघिन्नी बना दिया है। गौरतलब है कि विभाग में कॉमर्शियल वाहन स्वामियों के नंबर अपडेट किये जा रहे हैं। जब जिले के कॉमर्शियल वाहन स्वामियों की लिस्ट अपडेट की जा रही थी, तो उसमें करीब एक हजार मोबाइल नंबर अपडेट ही नहीं हो रहे थे। विभाग ने आधार कार्ड और रजिस्ट्रेशन का मिलान किया। जानकारी हुई कि तमाम वाहन स्वामियों ने नाम के आगे मिस्टर या फिर मिसेज लगाकर रजिस्ट्रेशन कराया है। वहीं, आधार कार्ड में नाम के आगे कुछ नहीं लग सकता है। इसका मुख्य उद्देश्य रहा कि वाहन के पॉल्युशन, फिटनेस, चालान और अन्य कार्यों के लिए उन्होंने जन सुविधा केंद्र या फिर दलालों के नंबर रजिस्टर्ड करा रखे हैं। जिससे फिटनेस, पॉल्यूशन की जानकारी उनके मोबाइल पर एसएमएस उनके नंबर पर ही आए। इसके साथ ही वो उनके अन्य कार्यों को देखें। इसके साथ ही कई वाहन होने के कारण अगर किसी वाहन में कमी होती है, उसकी कार्रवाई के लिए जो भी सूचना आए वो दलालों के पास आए। अब ऐसे करीब एक हजार वाहन हैं जिनका काम वाहन स्वामी न देखकर दलाल या फिर जन सुविधा केंद्र वले कर रहे हैं। इससे दलालों और जन सुविधा केंद्र संचालकों की बल्ले-बल्ले हो रही है। संभागीय परिवहन विभाग की मानें तो 2019 तक ऐसे सर्वाधिक केस हैं। इसके बाद इनकी संख्या 10 प्रतिशत रह गयी है। विभाग ने इस खेल को पकड़कर कॉमर्शियल वाहनों को नोटिस भेजना शुरू किया है। मोबाइल अपडेट की प्रक्रिया ऑनलाइन है, लेकिन वाहन स्वामियों के मिस्टर एंड मिसेज ने प्रक्रिया को जटिल बना दिया है। अब इन्हें स्वयं विभाग में आना होगा।
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समान नंबर होने पर ही होगा अपडेट
आनलाइन मोबाइल नंबर तभी अपडेट हो सकेगा जब आरसी और आधार कार्ड में दर्ज नाम समान होगा। दोनों में नाम अलग-अलग होंगे तो मोबाइल नंबर अपडेट नहीं हो सकेगा। इसके लिए आरटीओ कार्यालय में ही संपर्क करना होगा। आरसी में दर्ज नाम में सुधार कराने के बाद ही मोबाइल नंबर अपडेट हो सकेगा।
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कोट-
वाहन को ट्रांसफर करना हो या फिर टैक्स जमा करना हो, मोबाइल नंबर अपडेट करना जरूरी है। हजारों वाहनों में डीलरों के ही मोबाइल नंबर दर्ज हैं। कामर्शियल वाहनों का टैक्स जमा करने के लिए दलाल या फिर जन सुविधा केंद्र संचालक अपना ही नंबर दर्ज करा देते हैं। ऐसे मामलों में वाहन स्वामियों को अपना मोबाइल नंबर दर्ज कराए जाने का अवसर दिया गया है। जिससे उनके वाहन के संबंध में प्रत्येक गतिविधि की जानकारी हो सके।
राघवेंद्र सिंह, एआरटीओ बागपत
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