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राजनीतिक चोट देने का लें युवा-किसान: जयंत चौधरी

Bagpat News - रालोद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने कहा कि इस समय पूरे देश का किसान कृषि कानून के विरोध में सड़कों पर है। बागपत के किसान भी आंदोलन में पीछे...

Newswrap हिन्दुस्तान, बागपतSun, 7 March 2021 10:30 PM
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रालोद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने कहा कि इस समय पूरे देश का किसान कृषि कानून के विरोध में सड़कों पर है। बागपत के किसान भी आंदोलन में पीछे नहीं है। इसलिए किसान को चोट लगेगी तो दर्द भी होगा। गांव से वोट मिली, तब जाकर सरकार बनी, इसलिए राजनीतिक चोट देने के लिए युवाओं और किसानों को फैसला लेना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि हमें विधायक और सांसद पर भी नजर रखनी होगी, तभी किसानों की सरकार बन पाएगी। उन्होंने युवाओं से सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने और ट्वीटर से भी जुड़ने का आह्वान किया।

रालोद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी रविवार की दोपहर 3.15 बजे जनपद के ऐतिहासिक गांव ढ़िकौली में किसान पंचायत में हजारों की भीड़ को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि तीनों ने कृषि कानून किसानों को बर्बाद करने वाले हैं। किसानों के लिए आपदा बने इन तीनों कानूनों को खत्म कराने के लिए किसानों को जाति मजहब भूल कर एकजुट होना होगा। यह आंदोलन किसी एक जाति का नहीं बल्कि 36 बिरादरी का है। यह सिर्फ जाटों का आंदोलन नहीं है। इन कानूनों को खत्म कराने के लिए भाजपा को राजनीतिक चोट देना जरूरी हो गया है। देश में आर्थिक तंगी का दौर चल रहा है, लोग परेशान हैं। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के लोगों ने चौधरी चरणसिंह को समझा। चौधरी अजित सिंह का भी किसी ने हाथ नहीं छोड़ा। लेकिन अब किसान विरोधी ताकतों से तर्क वितर्क करना भी गलत हो गया है। जयंत ने कहा कि मंडिया खत्म होने से देश को हर साल 8664 करोड़ रुपये का नुकसान होगा। मंडी परिषद के शुल्क से ही गांवों में विकास होता है। अब यह शुल्क कारपोरेट घरानों की तिजोरी में भरेगा। प्रधानमंत्री के मन की बात पर सवाल खड़ा करते हुए जयंत चौधरी ने कहा कि पूरे देश का किसान परेशान हैं ऐसे में प्रधानमंत्री बंगाल में चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं। 4 साल से यूपी में गन्ने का कोई दाम नहीं बढ़ा। चीनी मिलों से गन्ना भुगतान कराने में सरकार विफल है। महंगाई आसमान छू रही है। पेट्रोल डीजल, गैस और रेल के किराये समेत तमाम चीजों के दाम 3 गुना बढ़ गए हैं। ऐसे में हमें खेती-खलिहानी को बचाने के लिए कृषि कानूनों को पुरजोर विरोध करना ही होगा। उन्होंने यह भी कहा कि अब जनता भी बदलाव चाहती है और यह बदलाव तभी संभव है जब हम 403 विधायक और 543 सांसद पर नजर रखें। इस समय किसानों के पक्ष में माहौल है, इसलिए युवाओं और किसानों को राजनीतिक चोट देने की जरूरत है। इससे तस्वीर साफ होगी और किसानों की सरकार बनेगी।

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