स्वास्थ्य: गर्मी और उमस फेफड़ों के साथ त्वचा पर पड़ रही भारी
Bagpat News - तापमान में वृद्धि और उमस के कारण फेफड़ों और त्वचा संबंधी समस्याएं बढ़ गई हैं। जिला अस्पताल की ओपीडी में सांस और त्वचा के मरीजों की संख्या में 70 फीसदी की वृद्धि हुई है। मरीजों को सलाह दी गई है कि वे घर...

तापमान में बढ़ोत्तरी के साथ उमस की अधिकता का सीधा असर फेफड़ों के साथ त्वचा पर भी पड़ रहा है। यही कारण है कि अस्पतालों में सांस और त्वचा संबंधी दिक्कतें बढ़ गई हैं। जिला अस्पताल की ओपीडी में सबसे ज्यादा इन्हीं दोनों विभागों में मरीज की भीड़ है। आद्र्रता की अधिकता के कारण पसीना निकल रहा है। त्वचा में जलन, फंगल संक्रमण, बैक्टीरियल संक्रमण, चकत्ते, दाने, फुंसियां जैसी समस्याएं तेजी से बढ़ी हैं। दाद, खुजली और बालों में फंगस भी बढ़ गया है। त्वचा और चर्म रोग विभाग में ऐसे करीब 70 फीसदी मरीज आए। इसके अलावा दमा, अस्थमा, टीबी के पुराने मरीजों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
नम हवा भारी होने से सांस लेने में दिक्कत हो रही है। फेंफड़ों में तंत्रिकाओं को सक्रिय करके सांस नलियों को छोटा कर देती हैं। इसके साथ धूल के कण, पराग और फफूंद एलर्जी को पैदा करते हैं। इससे अस्थमा और एलर्जी संबंधी लक्षण दिखाई देने लगते हैं। क्षय और वक्ष रोग विभाग की ओपीडी में इसके भी 60 से 70 फीसदी मरीज आए। ------ सांस के रोगी रखें ध्यान घर को ठंडा रखें, आद्र्रता का स्तर नियंत्रित रखें खूब पानी पिएं और एयर प्यूरीफायर का प्रयोग करें बाहर जाने से पहले मौसम देखें, इन्हेलर साथ रखें नियमित कसरत करें, इससे फेंफड़े मजबूत बनेंगे ढीले-ढाले और हल्के रंग के कपड़े पहनने चाहिए ------- त्वचा रोगी रखें ध्यान त्वचा को साफ और सूखा रखें, माश्चराइजर लगाएं धूप में जाने से पहले खुली त्वचा पर सन स्क्रीन लगाएं एलोवेरा, नीम, हल्दी के प्रयोग से सूजन नहीं आएगी रोज चार से पांच लीटर पानी, पेय पदार्थ पीने चाहिए पसीने से बचाव करें, सूती कपड़े पसीना सोखते हैं
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