जन्म प्रमाण पत्र न बनने से अधर में लटक गए आधार कार्ड
नए आधार कार्ड और उसमें संशोधन के लिए जन्म प्रमाण पत्र की अनिवार्यता ने बच्चों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। विशेषकर परिषदीय स्कूलों के बच्चों के पास जन्म प्रमाण पत्र नहीं होने के कारण आधार कार्ड...
नया आधार कार्ड और उसमें संशोधन को लेकर लोगों की परेशानी खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। बच्चों के नये आधार या जन्म तिथि संशोधन के लिए जन्म प्रमाण पत्र की अनिवार्यता ने मुसीबत खड़ी कर दी हैं। सर्वाधिक दिक्कतें परिषदीय स्कूलों के बच्चे झेल रहे हैं। इनके पास जन्म प्रमाण पत्र नहीं हैं। इससे आधार कार्ड नहीं बन रहे हैं। परिणाम स्वरूप यू-डायस से इन बच्चों का पेन नंबर जारी नहीं हो पा रहा है। बता दें कि यूआईडीएआई ने हाल ही में बच्चों के नये आधार और जन्म तिथि संशोधन के लिए जन्म प्रमाण पत्र अनिवार्य कर दिया है। शहरी क्षेत्र में नगर निकाय व देहात में तहसील से जारी जन्म प्रमाण पत्र की सत्यापित कॉपी जरूरी कर दी गई है, जबकि पूर्व में कंप्यूटर ऑपरेटर नॉन वेरिफाई का ऑप्शन चयन कर आधार आसानी से बना देते थे। मगर अब ऐसा करने पर उनकी आईडी बंद कर दी जाती है। ऐसे में देहात के बच्चों के सामने दिक्कतें खड़ी हो गई हैं। उन बच्चों के पास जन्म प्रमाण पत्र नहीं हैं। आवेदन के महीनों बाद भी तहसील से प्रमाण पत्र नहीं बन रहे हैं। अशासकीय सहायता प्राप्त और परिषदीय विद्यालय में पढ़ने वाले ये बच्चे परेशान हैं। शिक्षकों का कहना है कि बच्चों के आधार न बनने के कारण उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। यू-डायस से बच्चों का पेन नंबर जारी नहीं हो पा रहा है। आधार सेंटरों से बच्चों को जन्म प्रमाण पत्र का हवाला देकर लौटाया जा रहा है।
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