जैन सन्तों ने नव दीक्षित साध्वियों संग शहर से किया पद विहार
Bagpat News - - बड़ौत से कांधला की तरफ किया पद विहारजैन सन्तों ने नव दीक्षित साध्वियों संग शहर से किया पद विहारजैन सन्तों ने नव दीक्षित साध्वियों संग शहर से किया प
शुक्रवार को दीक्षा महोत्सव में सानिध्य प्रदान करने आए हुए जैन संतों ने शहर से विहार कर दिया। जैन संतों के साथ नव दीक्षित साध्वियां भी शामिल रही। इससे पहले स्थानक मंडी में आयोजित कार्यक्रम में दीक्षा महोत्सव में सहयोगी भूमिका निभाने वाली संस्थाओं को भी सम्मानित किया गया।
जैन संत उपाध्याय डॉ विशाल मुनि, आशीष मुनि, भरत मुनि समेत ससंघ साधु संत नगर बड़ौत में विराजमान थे। इनके सानिध्य में गत 15 जनवरी को तीन बहनों वागीशा, समृद्धि, वंशिका को दीक्षा ग्रहण कराई गई थी। यह कार्यक्रम सफल कराए जाने के बाद शुक्रवार को जैन संत बड़ौत से दोपहर के समय कांधला की तरफ विहार कर गए। इनके साथ नव दीक्षित साध्वियां भी शामिल रही। इससे पहले जैन स्थानक मंडी में धर्मसभा व सम्मान समारोह का भी आयोजन हुआ। कार्यक्रम में दीक्षा महोत्सव में सहयोगी भूमिका निभाने वाली संस्थाओं के पदाधिकारियों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में नगर पालिका परिषद अध्यक्षा पति अश्वनी तोमर, डॉ अमित राय जैन ने सभी पदाधिकारियों को सम्मानित कराया।
आप भी नर से नारायण बन सकते हैं: विशाल मुनि
बड़ौत। जैन संत उपाध्याय डर विशाल मुनि ने धर्मसभा में कहा कि आप भी जीवन मे नर से नारायण बन सकते हो। उपाध्याय ने कहा कि जब कोई व्यक्ति अपने आपको अद्वितीय व्यक्ति समझने लगता है और अपने आपको चरित्र में सबसे श्रेष्ठ मानने लगता है, तब से उसका आध्यात्मिक पतन होने लगता है। अहंकार से उतना ही सावधान रहो जितना एक पागल कुत्ते से। जैसे कोई व्यक्ति विष या विषधर सर्प को नहीं छूता, उसी प्रकार सिद्धियों से अलग रहो और उन लोगों से भी जो इनका प्रतिकार करते हैं। अपने मन और हृदय की क्रियाओं को ईश्वर की और संचारित करो पढ़ा लिखा समझने वाला संपन्न इंसान न तो दूसरों को दोष लगाता है और न अपने को अधिक शक्तिमान वस्तुओं से आच्छादित होने के कारण वह स्थितियों की अवहेलना करता है।
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