Hindi NewsUttar-pradesh NewsBagpat NewsJain Religious Gathering Muni Bharat Emphasizes Karma and Equality

कर्म ही सबसे बड़ा धर्म और सबसे बड़ी पूजा

Bagpat News - बड़ौत, संवाददाता।कर्म ही सबसे बड़ा धर्म और सबसे बड़ी पूजाकर्म ही सबसे बड़ा धर्म और सबसे बड़ी पूजाकर्म ही सबसे बड़ा धर्म और सबसे बड़ी पूजाकर्म ही सबसे ब

Newswrap हिन्दुस्तान, बागपतMon, 4 Nov 2024 11:22 PM
share Share
Follow Us on

शहर की जैन स्थानक में धर्म सभा आयोजित की गई। जिसमें जैन संत भरत मुनि द्वारा प्रवचन किया गया। धर्म सभा में प्रवचन सुनने के लिए जैन समाज के लोगों की बड़ी संख्या में उपस्थिति रही। उन्होंने कहा कि कर्म ही सबसे बड़ा धर्म और सबसे बड़ी पूजा हैं। इंसान को कर्म करते रहना चाहिए और फल की इच्छा नहीं करनी चाहिए। मुनि द्वारा जैन स्थानक शहर में एक धर्म सभा को संबोधित किया गया। उन्होंने कहा कि धर्म किसी जाति या समुदाय में विभाजित नहीं हैं। इसे तो कोई भी कर सकता हैं। साधु-संतों के पास कोई जादू की छड़ी नहीं है, जो किसी के दुख को दूर कर सके। लेकिन यह सत्य है कि उनके पास पहुंचने से बहुत से दुख स्वयं दूर हो जाते हैं। किसी भी जाति का इंसान हो आत्मा सभी में समान हैं। इसलिए किसी को भी बनता नहीं जा सकता हैं। आत्मा में ताकत है कि वह परमात्मा बन सकती हैं। साधु बनने वाले लोगों को पर टीका टिप्पणी करनी गलत होती हैं। जब इंसान स्वयं कुछ नहीं बन सकता तो दूसरों पर क्यों सवाल खड़े करता हैं। पहले खुद को देखो, उसके बाद कुछ करने या कहने की सोचना चाहिए। स्वयं की कमी दूर करते ही औरों की बहुत सी कमियां कम दिखने लगती है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें