हाल -ए- गांव: बड़ागांव में कोरोना और बुखार ने मचाया कोहराम
रावण उर्फ बड़ागांव में कोरोना ओर बुखार ने कोहराम मचाया हुआ है। 20 दिनों के भीतर गांव में कोरोना ओर बुखार से 30 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी...
रावण उर्फ बड़ागांव में कोरोना ओर बुखार ने कोहराम मचाया हुआ है। 20 दिनों के भीतर गांव में कोरोना ओर बुखार से 30 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। कोई दिन ऐसा नहीं बीत रहा, जिस दिन गांव में मौत न हो रही है। रोजाना हो रही मौतों से गांव में मातम पसरा हुआ है। ग्रामीण पीड़ित परिवारों को सांत्वना देने में लगे है। वहीं प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग गांव की ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। जिससे ग्रामीणों में आक्रोश पनप रहा है।
खेकड़ा क्षेत्र का बड़ागांव लंकापति रावण के नाम से जुड़ा हुआ है। राजस्व रिकार्ड में भी गांव का नाम रावण उर्फ बड़ागांव के नाम से दर्ज है। धार्मिक स्थलों की वजह से भी यह गांव विश्व विख्यात है। जैन धर्म के पवित्र त्रिलोक तीर्थधाम में तो विदेशों से भी श्रद्धालु दर्शनों के लिए पहुंचते ही, लेकिन वर्तमान में गांव में मातम पसरा हुआ है। इसकी वजह 20 दिनों के भीतर कोरोना ओर बुखार से 30 से अधिक लोगों की मौत होना है। गत 20 दिनों के भीतर गांव के गौरव, चतरसैन, प्रकाश, अशोक, सोनू, विदेश देवी, निरंकार, ब्रहमदेव, पालू, लीलू, शीला देवी समेत 30 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। ग्रामीणों का आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन को इन मौतों से अवगत भी कराया गया, लेकिन न तो स्वास्थ्य विभाग ने कोई सुध ली और न ही प्रशासन ने। गांव में कोरोना की जांच भी नहीं हो रही है। वायरस से बचाव के लिए अभी तक गांव में सेनेटाइजर का छिड़काव भी नहीं कराया गया है। जिससे ग्रामीणों में प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के प्रति आक्रोश पनपा हुआ है।
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बदहाल पड़ा है गांव का सब सेंटर-
गांव में करीब 15 वर्ष पहले स्वास्थ्य विभाग ने सब सेंटर का निर्माण कराया था। कुछ दिन तो उसमें ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधाएं मिली, लेकिन इसके बाद वह वीरान हो गया। आज हालात यह बन गए है कि सब सेंटर खंडहर में तब्दील होने लगा है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उसकी भी कोई सुध नहीं ले रहे हैं।
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संक्रमितों के घर सील न मोहल्ले-
इसे प्रशासन की लापरवाही नहीं तो क्या कहेंगे। शासन ने कोरोना संक्रमितों के मकानों के साथ उनकी गली को सील करने के आदेश जारी किए हुए है, लेकिन बड़ागांव में इन आदेशों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है। प्रशासन द्वारा न तो संक्रमितों के मोहल्ले सील कराए जा रहे है और न ही गली। जिसकी वजह से गांव में कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा है।
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क्या बोले ग्रामीण-
गांव में कोरोना ओर बुखार की वजह से रोजाना मौत हो रही है। जिससे गांव के लोग दहशत में जी रहे है। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी सूचना के बावजूद ग्रामीणों की कोई सुध नहीं ले रहे है। यदि स्वास्थ्य विभाग समय रहते नहीं चेता, तो गांव में बुखार और कोरोना का खोफनाक तांडव जारी रहेगा।
बिट्टू त्यागी, पूर्व प्रधान पति
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पंचायत चुनाव के बाद से गांव में कोरोना ओर बुखार ने पैर पसारे थे। जिसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को दी गई थी, लेकिन उसने कोई सुध नहीं ली। जिसका खामियाजा ग्रामीण भुगत रहे है। गत 20 दिनों के भीतर गांव में 30 से अधिक ग्रामीणों की मौत हो चुकी है। जिसके लिए स्वास्थ्य विभाग जिम्मेदार है। प्रशासन को गांव में सेनेटाइजर का छिड़काव कराना चाहिए और बुखार से पीड़ित ग्रामीणों की कोरोना जांच करानी चाहिए।
रामनरेश त्यागी
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क्या बोले अधिकारी-
उन्हें बड़ागांव में कोरोना ओर बुखार से मौत की सूचना चिकित्सकों ने नहीं दी है। वे पता कराएंगे। गांव में टीमें भेजकर कोरोना की जांच कराई जाएगी। सेनेटाइजर का छिड़काव कराया जाएगा।
अजय कुमार, एसडीएम खेकड़ा
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