रिश्तों में दरार डाल रहा मोबाइल, फबिंग से जूझ रहे दंपति
- उपेक्षा का मन में आ रहा भाव, घरेलू विवाद की बन रहा वजहरिश्तों में दरार डाल रहा मोबाइल, फबिंग से जूझ रहे दंपतिरिश्तों में दरार डाल रहा मोबाइल, फबिं
मोबाइल में इतना मशगूल हो जाना कि सामने बैठे शख्स को अपनी उपेक्षा लगने लगे और महसूस होने लगे कि उसकी बात पर कोई तवज्जो ही नहीं दी जा रही, तो सुनने में यह भले ही मामूली बात लगे लेकिन रिश्तो में दरार की बड़ी वजह बनता जा रहा है फबिंग। हालत ऐसी कि नवदंपतियों में झगड़े, घरेलू कलह के 40 फीसदी मामलों में फबिंग बड़ा कारण निकला है। इतना ही नहीं, मां-बच्चों के रिश्तों में भी फबिंग दरार डाल रहा है। परिवार परामर्श केंद्र पर बीते तीन माह में पति-पत्नी के विवाद के 50 से अधिक मामले काउंसलिंग के लिए आए। मनकक्ष में हुई काउंसलिंग में 15 मामले ऐसे निकले जिसमें मोबाइल कहीं न कहीं रिश्तो में कड़वाहट की वजह रहा। पति-पत्नी को शिकायत है कि जीवनसाथी उनकी बातों को गंभीरता से नहीं सुनता। सामने खड़े होकर कोई जरूरी बात भी कही जाए, तो लाइफ पार्टनर मोबाइल देखने में अधिक व्यस्त रहता है। ऐसा लगता है कि उसकी बातों में लाइफ पार्टनर को कोई रुचि ही नहीं है। इससे झल्लाहट, खुद की उपेक्षा जैसे भाव मन में पैदा होते हैं और यह आपसी विवाद की बड़ी वजह बन रहा है। फबिंग के बढ़ते मामलों को देखते हुए राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत भी इस दिशा में विशेष ध्यान देने को कहा गया है। खासकर काउंसिलिंग के स्तर पर फबिंग से छुटकारा दिलाने के तरीकों पर जोर दिया गया है।
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क्या है फबिंग
आमने-सामने होते हुए भी एक शख्स मोबाइल चल रहा हो। वह इतना व्यस्त हो कि सामने बैठे शख्स की किसी बात को ध्यान से न सुने। कोई प्रतिक्रिया न दे और काफी हद तक ऐसा लगे कि वह सामने वाले को अनसुना कर रहा है तो इसे मनोविज्ञान में फबिंग कहा जाता है।
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कोट-
मोबाइल के बढ़ते इस्तेमाल के साथ ही फबिंग की परेशानी भी तेजी से सामने आ रही है। खासकर पति पत्नी के विवाद में यह बड़ी वजह बनता जा रहा है। यह एक आदत है और काउंसिलिंग के जरिए इसमें बदलाव किया जा सकता है। फबिंग से आपस में गलतफहमी होना सबसे आम समस्या है।
अजय कुमार, मनोचिकित्सक जिला अस्पताल
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