अप्रैल में ही सूख गए तालाब, प्यासे भटक रहे पशु-पक्षी
Bagpat News - - बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे जानवरअप्रैल में ही सूख गए तालाब, प्यासे भटक रहे पशु-पक्षीअप्रैल में ही सूख गए तालाब, प्यासे भटक रहे पशु-पक्षीअप्रै

धीरे-धीरे गर्मी ने अपना रूप दिखाना शुरू कर दिया। गांव में पशु पक्षियों के लिए सहारा सिर्फ तालाब है। यह तालाब भी सूखने लगे हैं। ग्रामीण क्षेत्र में कम रकबे वाले तालाबों का पानी सूख गया है। ऐसे में बूंद-बूंद पानी के लिए जानवर परेशान हैं। अभी तक सूखे हुए तालाबों के लिए कोई तैयारियां नहीं हो सकी है, जबकि सरकार की ओर से तालाबों के सौंदर्यकरण से लेकर उनकी साफ सफाई के लिए बहुत ही पैसा खर्च किया था।
जनपद में 300 से अधिक तालाब हैं। इन दिनों तालाबों की हालात खराब है। छोटे-छोटे रकबे के जो तलाब हैं, उनमें पानी सूख गया है। आवारा गोवंश इन्हीं तालाबों पर पहुंचकर पानी पीते है और अपनी प्यास बुझाते है। पशुओं के अलावा पक्षियों को भी तालबों के पानी से बहुत राहत मिलती है। पिछले वर्ष शासन की ओर से तालाबों के सौंदर्यकरण के लिए पैसा दिया गया था। इन तालाबों को पर्यटक स्थल के रुप में तैयार कराया गया था। बिना पानी के तालाब बेकार हो रहे हैं। अभी तक अप्रैल माह ही चल रहा है। बागपत क्षेत्र के तालाबों का हाल बेहाल जल संयचन योजना धरातल पर बड़े रूप में विकसित हो सके और पशु पंक्षियों की प्यास बुझाने के लिए तालाबों का जीणोद्धार किया गया था। ग्राम प्रधान और प्रशासन की बेरूखी अमृत सरोवरों पर भारी पड़ रही हैं। बागपत ब्लॉक क्षेत्र के अधिकतर अमृत सरोवर बगैर पानी सूखे पड़े है। सिसाना गांव के अमृत सरोवर के अंदर और बाहर कूड़े के ढेर लगे पड़े है।
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