तीज पर झूले पड़े न बाजारों में रही रोनक
- घर में मेंहदी लगा त्यौहार की औपचारिकता पूरी कीतीज पर न पड़े झूले, बाजार रहा सूनातीज पर न पड़े झूले, बाजार रहा सूनातीज पर न पड़े झूले, बाजार रहा सूनातीज पर न पड़े झूले, बाजार रहा सूनातीज पर न पड़े झूले,...
कोरोना काल ने तीज के त्यौहार का उत्साह फीका कर दिया है। इस बार न तो झूले पडे़ और न ही बाजारों में रौनक दिखाई दी। महिलाओं ने घर में ही मेंहदी लगाकर पूजा पाठ कर धर्म निभाया।
तीज पर हर साल पेड़ और घरों दलान में झूले डाले जाते थे। पतंगबाजी भी होती थी लेकिन इस बार महिलाओं में मायूसी रही। घरों पर ही मेंहदी लगा पूजा अर्चना कर तीज का त्यौहार मनाया गया। कोराना के इस संकटकाल में कई परिवारों बेटियों के यहां सिंधारा का सामान भेजने के स्थान पर ऑन लाइन रुपये भेजे।
शिक्षिका रूचि यादव, मीनाक्षी स्वामी, कोमल शर्मा आदि ने बताया कि तीज पर पेड़ों पर लगे झूलों पर पींग बढ़ाते हुए महिलाएं सावन के गीत गाया करती थीं, लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं है। घरों पर रहकर ही विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर त्योहार मनाया है। मेंहदी लगाकर श्रृंगार की औपचारिकता पूरी की।
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