एलिवेटिड रोड के शुभारम्भ में रूकावट बना प्लाट
Bagpat News - अक्षरधाम खेकड़ा एलिवेटिड रोड का उद्घाटन एक प्लाट के विवाद के कारण रुका हुआ है। प्लाट का मालिक जमीन देने से इनकार कर रहा है और मामला कोर्ट में है। एनएचएआई अधिकारी भी मजबूर हैं। 16 अप्रैल को कोर्ट में...

अक्षरधाम खेकड़ा एलिवेटिड रोड के उदघाटन में मंडौला के एक प्लाट ने रोक लगा रखी है। मालिक अपना प्लाट देना नही चाहता। मामला कोर्ट में होने के कारण एनएचएआई अधिकारी भी मजबूर बने हुए है। फिलहाल कोर्ट में 16 अप्रैल को सुनवाई होकर कोई फैसला आएगा। दिल्ली से देहरादून जाने के लिए सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ग्रीन एक्सप्रेस वे लगभग तैयार होने जा रही है। इसका एक भाग खेकड़ा से अक्षरधाम तो 99 प्रतिशत पूरा हो चुका है, लेकिन इसका शुभारम्भ नही हो पा रहा है। इसका कारण इसके मार्ग में आ रहा एक प्लाट है। जिसका मामला कोर्ट में विचाराधीन है। मंडौला में किसान वीरसैन का 1990 में खरीदा हुआ करीब 1600 वर्ग मीटर का प्लाट है। उसमें उनका घर भी बना हुआ है। 1998 में यूपी हाउसिंग बोर्ड ने मंडोला हाउसिंग स्कीम के लिए दिल्ली-गाजियाबाद सीमा के पास के छह गांवों से 2614 एकड़ जमीन अधिग्रहित करने की अधिसूचना जारी की। प्रशासन ने अधिकांश परिवारों को अपनी जमीन देने के लिए मना लिया था, लेकिन वीरसेन सरोहा ने अपनी जमीन देने से इनकार कर दिया। वे इलाहाबाद हाईकोर्ट चले गए। हाई कोर्ट ने उनकी जमीन के अधिग्रहण पर रोक लगा दी। अब वीरसेन के परिजन इस केस को लड़ रहे हैं। जब भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण एनएचएआई अपने दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे बनाना शुरू किया, तो वीरसैन सरोहा का यह प्लाट फिर उसके नक्शे में आ गया। एनएचएआई ने अक्षरधाम से खेकड़ा का करीब 21 किलोमीटर का एलिवेटिड मार्ग पूरा कर लिया, लेकिन बीच में आया वीरसैन सरोहा का 1600 वर्गमीटर का प्लाट उसके लिए भी बाधा बन गया। वीरसेन का अब खाली पड़ा दो मंजिला घर एलिवेटिड मार्ग के खुलने में अहम भूमिका निभाएगा।
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क्या है ताजा अपडेट
वीरसेन ने 2007 में मंडौला हाउसिंग स्कीम के खिलाफ इलाहाबाद हाई कोर्ट का रुख किया था। इस मामले के समाधान होने से पहले ही वीरसेन की मृत्यु हो गई। वर्ष 2017 और 2020 के बीच एनएचएआई की एक्सप्रेस वे बनाने की योजना साकार हुई। एनएचएआई को रैंप बनाने के लिए जमीन की जरूरत है, जिसमें यह प्लाट भी आता है। वर्ष 2024 में वीरसेन सरोहा के पोते ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच को सौंप दिया है। लखनऊ बेंच ने 16 अप्रैल को सुनवाई तय की है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले को तेजी से निपटाने के भी निर्देश दिए हैं, क्योंकि परियोजना आमजन के व्यापक हित में है। एक्सप्रेस वे के एलिवेटिड मार्ग का खुलना इस पर निर्भर करता है। इस घर का मुद्दा सुलझने तक एलिवेटिड मार्ग प्रोजेक्ट उलझ गया माना जा रहा है।
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कोट-
मंडौला के प्लाट का विवाद अदालत में है, जल्द ही इसे सुलझा लिया जाएगा। इसके बाद अक्षरधाम से खेकड़ा तक मार्ग को खोल दिया जाएगा।
संजय कुमार, प्रोजेक्ट मैनेजर एनएचएआई
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