Hindi NewsUttar-pradesh NewsBagpat NewsDev Uthani Ekadashi Celebrations Rituals Weddings and Market Bustle

उठो देव, जागो देव और बैठो देव, पांवरिया चटकाओ ...

Bagpat News - - देवउठनी एकादशी पर घरों से लेकर मंदिरों तक में हुए अनुष्ठानउठो देव, जागो देव और बैठो देव, पांवरिया चटकाओ ...उठो देव, जागो देव और बैठो देव, पांवरिया

Newswrap हिन्दुस्तान, बागपतTue, 12 Nov 2024 10:59 PM
share Share
Follow Us on

उठो देव, जागो देव और बैठो देव, पांवरिया चटकाओ देव......, नई सूतरी, नई कपास देव उठाए कातिक मास, क्वारिन के तुम ब्याह करो ब्याहिन के तुम गौना करो, गौने के रोने करो... गाकर मंगलवार को देवों का जगाया गया। देवोत्थान एकादशी पर मंगलवार को हर घर आंगन में अल्पनाएं बनाईं गईं। साथ ही विधि विधान से पूजा-अर्चना की गई। पूरे दिन शहर भर में जमकर गन्ना और सिंघाड़ा की बिक्री हुई।

इस बार अधिक सहालग न होने के कारण शादी कम हुईं। हालांकि फिर भी लोगों को बाजार में शादी और त्योहार की भीड़ के कारण जाम से जूझना पड़ा। देवोत्थान पर किसानों तथा दुकानदारों ने ट्रैक्टरों से गन्ने लादकर जगह-जगह उनकी बिक्री की। हरा गन्ना 20 से 30 रुपये तक में बेचा गया। हरा सिंघाड़ा 20 रुपया, पका सिंघाड़ा 30 रुपया, उबला सिंघाड़ा 40 से 50 रुपये किलो तक में बेचा गया। इसके बाद भी लोगों ने गन्ना और सिंघाड़ा की जमकर खरीदारी की। घरों में अल्पनाएं और चौक बनाकर देवों की विधि-विधान से पूजा अर्चना की गई।

--------

शालिग्राम-तुलसी का हुआ विवाह

देव उठनी एकादशी को सुबह से ही भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की धूम रही। श्रद्धालुओं ने दिनभर व्रत रखा और बाजार पहुंचकर भगवान विष्णु के प्रिय फल, गन्ने आदि की खरीदारी की। सायं घरों में भगवान लक्ष्मी और नारायण की स्थापना की और उन्हें प्रिय फल आदि का भोग लगाकर व्रत को विश्राम दिया। उधर शालिग्राम-तुलसी के विवाह की भी धूम रही। बारात निकाली गई। मंदिरों में भजन-कीर्तन होते रहे। शहर के कोर्ट रोड, पुराना कस्बा, मेरठ रोड, चमरावल रोड स्थित मंदिरों में शालिग्राम-तुलसी का विवाह किया गया। महिलाओं ने देर तक कीर्तन किया।

--------

घोड़ी-पंडित, बैंड-बाजा जुटाना हुआ मुश्किल

पंडित गौरीशंकर शर्मा ने बताया कि देवउठनी एकादशी पर शादियों का शुभ मुहूर्त माना जाता है। भगवान विष्णु और तुलसी के विवाह के साथ होने वाली शादी भी अबूझ की जा सकती हैं। ऐसे में मंगलवार को जिलेभर में 500 से अधिक शादी होने के कारण घोड़ी, पंडित और बाराती जुटाना लोगों के लिए मुश्किल हो गया। सभी दूल्हों के लिए घोड़ी नहीं मिली। बैंड-बाजे और घोड़ी के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी।

--------

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें