Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़बागपतCorona Belgaum 42 deaths in two weeks in Kovid Hospital itself

कोरोना बेलगाम: कोविड अस्पताल में ही दो सप्ताह के अन्दर 42 मौत

जनपद में कोरोना संक्रमण पूरी तरह से बेलगाम हो चला है पिछले 15 दिनों में ही खेकड़ा के एल टू कोविड अस्पताल में कोरोना संक्रमण से मौत का आंकड़ा 40 के...

Newswrap हिन्दुस्तान, बागपतMon, 10 May 2021 03:23 AM
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जनपद में कोरोना संक्रमण पूरी तरह से बेलगाम हो चला है पिछले 15 दिनों में ही खेकड़ा के एल टू कोविड अस्पताल में कोरोना संक्रमण से मौत का आंकड़ा 40 के पार जा चुका है गांव में बुखार से होने वाली मौतो की तो कोई गिनती ही नहीं है अब तो मृतकों के अंतिम संस्कार के लिए ईंधन का भी टोटा बन चला है

बागपत जनपद में अप्रैल माह से कोरोना संक्रमण रफ्तार पकड़े हुए है 23 अप्रैल से तो यह जनपद के लोगों पर कहर बनकर टूट रहा है खेकड़ा के एलटू कोविड अस्पताल में ही इससे रोजाना औसतन तीन कोरोना संकमितो की मौत हो रही है। 24 अप्रैल को यहां अस्पताल में दो महिला वह पुरुष की 26 अप्रैल को फिर दो महिला और एक पुरुष की 27 अप्रैल को दो महिला और दो पुरुषों की 28 अप्रैल को दो महिला व एक पुरुष की 29 अप्रैल को एक पुरुष की 30 अप्रैल को 5 महिला और एक पुरुष की एक मई को एक पुरुष की दो मई को एक महिला की चार मई को एक महिला और एक पुरुष की पांच मई को दो पुरुषों की छह मई को फिर दो पुरुषों की सात मई को दो महिला और दो पुरुषों की आठ मई को तीन पुरुष और एक महिला की नो मई को तीन पुरुषों की कोरोना से मौत हो चुकी है। बागपत डौला और सरूरपुर के कोविड-19 अस्पतालों में मरने वालों की संख्या भी इसमे जोडे तो मौत का यह आंकड़ा लगभग एक सौ के पास पहुंच जाएगा। जबकि गांवो में बुखार से मरने वालों की तो कोई गिनती ही नहीं है। उनकी मौत भी अस्पतालों में मरने वाले कोरोना संक्रमित की तरह ही हो रही है। आए दिन हो रही इन मौतों से समूचे जनपद में दहशत का माहौल बना हुआ है। अब तो मृतको के अंतिम संस्कार के लिए ईंधन की कमी की समस्या भी बन चली है। कोरोना संकमितो के अंतिम संस्कार के लिए चयनित खेकड़ा के शांति वन शमशान घाट में तो ईधंन पूरी तरह समाप्त हो चला है। फिर भी कुछ गैर जिम्मेदाराना लोग सड़कों पर कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन करते हुए दिखाई पड़ रहे है।ं कोविड-19 साल के प्रभारी डॉ ताहिर का कहना है कि खेकडा के एल दो कोविड-19 अस्पताल में जिले के गंभीर किस्म के कोरोना संक्रमित रोगियों को शिफ्ट किया जाता है। चिकित्सक और स्वास्थ कर्मी उन्हें कोरोना मुक्त कराने के लिए अथक परिश्रम करते हैं। बेहतर उपचार देते हैं। जरूरत पड़ने पर ऑक्सीजन के साथ वेंटिलेटर सपोर्ट भी देतेहै। फिर भी जानलेवा यह कोरोना वायरस लोगों की जिंदगी को लील रहा है।

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