ठंड़ का सितम: सुई की तरह चुभी शीतलहर, घरों में दुबके लोग
Bagpat News - - शीतलहर चलने से धूप भी रही बेअसरठंड़ का सितम: सुई की तरह चुभी शीतलहर, घरों में दुबके लोगठंड़ का सितम: सुई की तरह चुभी शीतलहर, घरों में दुबके लोगठंड़
बारिश के बाद शीतलहर ने लोगों की कंपकंपी छुड़ा दी है। शुक्रवार को दिनभर 12 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से शीतलहर चली, जिसके चलते लोग घरों में दुबके रहे। सूर्यदेव के दर्शन तो हुए, लेकिन शीतलहर कांटे की तरह चुभती रही। जिसके चलते धूप भी लोगों को सर्दी से राहत नहीं दिला सकी। मौसम विभाग के अनुसार अधिकतम तापमान 17 और न्यूनतम तापमान 7.6 डिग्री दर्ज हुआ।
दो दिन पहले जिलेभर में बारिश हुई थी, लेकिन गत दिवस हवा शांत रही। सूर्यदेव ने भी सुबह 11 बजे दर्शन दे दिए थे, जिससे लोगों को सर्दी से राहत मिल गई थी। वहीं, शुक्रवार को लोग सोकर उठे, तो घना कोहरा छाया मिला। कुछ देर बाद ही कोहरा छट गया और धूप निकल आई। लोगों को लगा कि गत दिवस की तरह मौसम अच्छा रहेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। 12 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से शीतलहर चलने लगी। जो तेज धूप में भी सुई की तरह चुभ रही थी, जिसके चलते लोगों की कंपकंपी छूटी रही। ठंड़ से बचने के लिए अधिकतर लोग घरों में दुबके रहे। नौकरीपेशा लोगों को अपने कार्यालयों में हीटर का सहारा लेना पड़ा। वहीं, सरकारी कार्यालयों में फरियाद लेकर पहुंचे लोगों को अलाव का सहारा लेना पड़ा। सुबह और शाम के समय बाजार सुनसान पड़े रहे। अधिकतर व्यापारी भी अंधेरा होते ही घरों को लौट गए। मौसम विभाग के अनुसार शुक्रवार को अधिकतम तापमान 17 डिग्री और न्यूनतम तापमान 7.6 डिग्री दर्ज हुआ।
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घने कोहरे का अलर्ट
बारिश के बाद अब बागपत पर घने कोहरे का अटैक होगा। मौसम विभाग ने घने कोहरे का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। उसने शनिवार से सुबह-शाम कोहरा और दिन में मौसम साफ रहने की आशंका जताई है। इन दिनों में तापमान में उतार-चढ़ाव हो सकता है। चिकित्सकों का कहना है कि ऐसे मौसम में लोगों को अधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है। ये त्वचा के साथ-साथ खांसी, जुकाम, बुखार को बढ़ावा देता है।
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पशुओं का करें बचाव
बारिश के बाद चल रही शीतलहर में पशु पालकों की परेशानी भी बढ़ सकती है। ठंड से दूध उत्पादन प्रभावित होने के आसार हैं। ऐसे में पशुओं की देखरेख बेहद जरूरी है। सीवीओ डा. अरविंद त्रिपाठी ने बताया कि पशुओं के बाड़े को चारों तरफ से कवर करके रखें। पशुओं के बांधने के स्थान पर नीचे पराली या सूखा भूस डाल दें। जूट की झूल शरीर पर डालें। पशुओं को ताजा पानी पिलाएं। सफाई का विशेष ध्यान रखें। तापमान में उतार-चढ़ाव से दुधारू पशु में दूध की मात्रा घट जाती है।
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