Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़बागपतAir Quality Index Reaches 388 Severe Pollution Crisis in District

प्रदूषण: फिर बिगड़ी आबोहवा, 388 पर पहुंचा एक्यूआई

शुक्रवार को जिले का एक्यूआई 388 पर पहुंच गया, जिससे प्रदूषण ने गंभीर स्थिति ले ली। लोगों को सांस लेने में कठिनाई, आंखों में जलन और खांसी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार,...

Newswrap हिन्दुस्तान, बागपतFri, 22 Nov 2024 06:28 PM
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जिलेभर में शुक्रवार को एक बार फिर से एक्यूआई 388 पर पहुंच गया। दिनभर वातावरण में धुआं सा छाया रहा। इतना ही नहीं हवा में खतरनाक गैसों का चैंबर बन गया है। जिसके चलते लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है, साथ ही आंखों से पानी टपक रहा है। विशेषज्ञों की मानें, तो जगह-जगह जल रहे कूड़े के ढेर और पुराने वाहनों से निकलने वाला धुआं आबोहवा को प्रदूषित कर रहा है। दीवाली के बाद से बागपत जनपद की आबोहवा प्रदूषित बनी हुई है। पांच दिन पहले तो एक्यूआई पांच सौ के पार पहुंच गया था। जिसके चलते ग्रैप-4 की पाबंदियां लागू कर दी गई थी। इसके बाद आबोहवा में कुछ सुधार हुआ। एक्यूआई गिरकर 360 रह गया था, लेकिन शुक्रवार को एक बार फिर से लोगों की सांसों पर संकट बन गया है। शाम तीन बजे एक्यूआई 388 दर्ज हुआ। जिसके चलते हवा खराब स्तर पर पहुंच गई है। शुक्रवार को छाई प्रदूषण की गहरी धुंध के चलते लोगों को सांस लेने में परेशानी, आंख में जलन, गले और नाक में खराश, खांसी जैसी समस्याएं हुई। वहीं, विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदूषण बढ़ने का कारण जगह-जगह जल रहे कूड़े के ढेर, खेतों में जलाई जा रही पराली और सड़कों पर दौड़ रहे कंड़म वाहनों से निकलने वाला धुआं है। क्योंकि हवा में जहरीली गैसों की मात्रा बहुत अधिक बढ़ी हुई है।

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प्रदूषण के मानकों पर नजर-

पीएम- 2.5 की मात्रा- 388

कार्बन मोनोओक्साइड की मात्रा- 340

ओजोन की मात्रा- 58

पीएम-10 की मात्रा- 193

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