माताओं ने व्रत रखकर सूर्य को अर्घ्य दिया
गुरुवार को अहोई अष्टमी व्रत धार्मिक हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। माताओं ने अपनी संतान की सुख-शांति और लंबी उम्र के लिए व्रत किया। महिलाओं ने पूजा के बाद सूर्य को अध्र्य दिया और कथा सुनी। कई महिलाओं ने...
गुरुवार को धार्मिक हर्षोल्लास के साथ अहोई अष्टमी व्रत मनाया गया। माताओं ने अपनी संतान की सुख शांति विल लंबी उम्र के लिए व्रत किया। महिलाओं ने एकत्र होकर कथा सुनने के बाद सूर्य को अध्र्य देकर पूजन किया। गुरुवार को महिलाओं ने अपनी संतान की सुख-समृद्धि की कामना के लिए अहोई अष्टमी का व्रत किया। महिलाओं ने एकत्र होकर पूजा की और सूर्य को अध्र्य देकर अपनी संतान की सलामती की प्रार्थना की। अनेक महिलाओं ने निर्जला व्रत रखा। नगर के नेहरू रोड, गांधी रोड ,गुराना रोड, पट्टी चौधरान,पट्टी मेहर, जैन नगर, शाहमल एनक्लेव में महिलाओं द्वारा मिट्टी या स्टील की अहोई को जल से भरकर मंदिर में रखा। श्याहु बछड़े से बनी माला को अहोई को पहनाया गया। इसके उपरांत सभी जगह महिलाओं ने अहोई अष्टमी व्रत की कथा सुनी। महिलाओं ने सूर्य को अध्र्य देकर अष्टमी पर्व पर आराधना की। इसके उपरांत अपने घर के बड़ों को उनकी इच्छा अनुसार वस्त्र या अन्य समान पूज कर दिया और पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया गया। महिलाओं का कहना है कि करवा चौथ के मुकाबले यह व्रत कठिन माना जाता है। क्योंकि इस व्रत में दूध फल आदि का भी आहार वर्जित माना गया है। व्रत के नियम अनुसार चाकू से सब्जी,फल आदि काटना या किसी भी तरह की खुदाई करना व्रत नियम के विरुद्ध है। जिसके चलते महिलाएं दिनभर व्रत रखकर शाम को तारा देखने के बाद ही अहोई अष्टमी व्रत खोलती हैं।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।