व्यथा कथा-: पहले मां फिर बेटे की मौत, उजड गयीं घर की खुशियां
कोरोना संक्रमण ने घरों की खुशियां उजाड़ दी है। अपनों का साथ खोने से लोग दुखी हैं। किसी की मांग का सिंदूर उजड़ रहा है तो कहीं गोद सूनी हो रही है। कई...
बिसौली/बदायूं। संवाददाता
कोरोना संक्रमण ने घरों की खुशियां उजाड़ दी है। अपनों का साथ खोने से लोग दुखी हैं। किसी की मांग का सिंदूर उजड़ रहा है तो कहीं गोद सूनी हो रही है। कई परिवार ऐसे भी हैं, जहां औलाद के सिर से मां-बाप का साया उठ गया। खेवनहार तो गया ही पालनहार को भी काल ने अपने फंदे में ले लिया। ऐसा ही गम से बिसौली के एक परिवार में कोहराम मचा हुआ है। महज दो सप्ताह में मां बेटे की मौत ने परिवार में कोहराम मचा दिया है।
बिसौली कस्बा के बदायूं रोड निवासी महेश की की पत्नी कुसुम 73 वर्ष की तकरीबन 14 दिन पूर्व घर पर संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। परिवार में इस मौत के बाद मातम में माहौल बदल गया था। परिवार के लोग खुद को दुख से उबारने की कोशिश में थे कि तभी अचानक उनके बेटे चंद्रेश गुप्ता ट्रांसपोर्टर की हालत बिगड़ गई। परिजन इलाज के लिए स्थानीय अस्पतालों में चक्कर काटते रहे। बाद में मालूम हुआ, उनका अक्सीजन लेबिल लगातार घट रहा है।
जिला अस्पताल के ओर परिजन लेकर दौड़े, लेकिन अस्पताल में इलाज नहीं मिल सका। परेशान होकर परिजनों ने सिफारिश का सिलसिला शुरू किया। किसी रिश्तेदार की सिफारिश पर उनको बरेली के निजी अस्पताल में इलाज शुरू किया गया। इलाज के दौरान 14 दिन बाद परिवार में चंद्रेश गुप्ता की दूसरी मौत हो गई। मौत की खबर से परिजनों में कोहराम मच गया। नगर के लोग भी 14 दिन में दो मौत की वजह से दुखी हो गए। चंद्रेश गुप्ता की मौत के बाद पूरा परिवार बिखर गया। चंद्रेश की मौत के बाद पूरे परिवार की जिम्मेदारी उनके बेटे हर्षित गुप्ता पर आ गई है।
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