डॉ. जमील अहमद की यादें लोगों के दिलों में हमेशा रहेगी जिंदा
नगर के प्रमुख समाजसेवी व लोकतंत्र सेनानी डॉ.जमील अहमद का बीमारी के चलते निधन हो गया। वह 84 वर्ष के थे। वह अपने पीछे भरा पुरा परिवार छोड़ गए हैं। उनके
ककराला, संवाददाता। ककराला के प्रमुख समाजसेवी व लोकतंत्र सेनानी डॉ.जमील अहमद का बीमारी के चलते निधन हो गया। वह 84 वर्ष के थे। वह अपने पीछे भरा पुरा परिवार छोड़ गए हैं। उनके निधन की सूचना मिलते ही लोगों में शोक की लहर दौड़ गई। डॉ. जमील अहमद देश में कांग्रेस की सरकार में लगाए गए आपातकाल के दौरान मीसा कानून के तहत गिरफ्तार किए गए थे और कानून की वापसी के बाद उनको रिहा किया गया। मुलायम सिंह यादव ने मुख्यमंत्री रहते इन सभी को लोकतंत्र सेनानी का दर्जा देकर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बराबर सुविधायें देने का आदेश दिया था।
मंगलवार को ककराला में शासनादेश के तहत पुलिस लाइन से एक टीम सलामी देने आई और लोकतंत्र सेनानी डॉ. जमील अहमद का पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ उनके पार्थिव शरीर को उनके ईदगाह स्थित पैतृक कब्रिस्तान में सुपुर्दे खाक किया गया। नमाजे जनाजा इब्राहीम बाग में दिलाई गई। इस दौरान नायब तहसीलदार अमित कुमार, लेखपाल मनोज कुमार सिंह, इंस्पेक्टर अलापुर धनंजय सिंह ककराला चौकी इंचार्ज शैलेंद्र तोमर व लाइन से आए एसआई आरके धामी ने सलामी दिलाई। बतादें कि डॉ. जमील अहमद का देश के लिए जो प्रेम था वो अकल्पनीय था। यही वजह रही कि उनको शासन द्वारा लोकतंत्र सेनानी सम्मान से सम्मानित किया गया। उन्हें जितना प्रेम देश से था उतना ही प्रेम वो अपने नगर वासियों से करते थे। वो कुशल चिकित्सक के साथ एक समर्पित समाजसेवी भी थे। उन्होंने अपने जीवनकाल में अनेकों लोगों को मुफ्त स्वास्थ्य सेवा प्रदान की। उनके द्वारा किए गए सेवा कार्यों ने उन्हें नगर के हर व्यक्ति के दिल में एक विशेष स्थान दिलाया था। उनके निधन से नगर ने एक महान सच्चे समाजसेवी और लोगों ने अपने हर दिल अज़ीज़ शख़्सियत को खो दिया है।
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