बालकों को गुरु पूजा व बालिकाओं को गौरी पूजा करना चाहिए
नगर के धनवती देवी आवासीय सरस्वती इंटर कालेज में चल रही राम कथा के चौथे दिन, कथा वाचक शांतनु महाराज ने शिव धनुष भंग और राम-सीता विवाह का प्रसंग सुनाया। उन्होंने बताया कि भगवान राम और लक्ष्मण जनकपुर में...
नगर के धनवती देवी आवासीय सरस्वती इंटर कालेज मैदान पर चल रही राम कथा के चौथे दिन कथा वाचक शांतनु महाराज ने शिव धनुष भंग और राम सीता विवाह का प्रसंग सुनाकर श्रोताओ और भाव विभोर कर दिया। वहीं विवाह प्रसंग के समय संगीत मयी बधाई पर तमाम श्रोता पांडाल में थिरक उठे। शांतनु महाराज ने कहा कि गुरुदेव विश्वामित्र जी के साथ भगवान राम और लक्ष्मण जनकपुर में प्रवेश किए हैं । पुष्प वाटिका में भगवान और भक्ति का पहली बार मिलन हुआ। भगवान और जानकी दोनों की किशोरावस्था है और यह अवस्था जीवन की सबसे महत्वपूर्ण और सबसे खतरनाक होती है इसलिए यह अवस्था सुधरें। इसके लिए बालकों को गुरु पूजा एवं बालिकाओं को गौरी पूजा करना चाहिए।
गुरु यानी शुभ मर्यादा आज्ञाकारिता आदि ऐसे गुणवाचक शब्द जो भी हैं और गौरी अनी गुणों की खान वह पत्थर की प्रतिमा नहीं अपितु गौरी रानी गरिमा महिमा वात्सल्य करूणा दया आदि रंगभूमि जब भगवान का प्रवेश हुआ तो सभी राजा अपनी अपनी भावना के अनुसार भगवान का दर्शन करने लगे धनुष यज्ञ के प्रसंग में कहा कि बहुत सारे राजाओं ने धनुष को तोड़ने का प्रयत्न किया, लेकिन किसी से नहीं टूटा क्योंकि यह सभी ए राजा मोर थे और भगवान धनुष को क्षण भर में भी तोड़ दिए क्योंकि धनुष अहंकार का प्रतीक होता है, और भगवान क्षणभर से भी कम समय में तोड़ देते हैं और भगवान के द्वारा धनुष टूटते ही सारे जग में शोर हो गया खुशियां मनाई जाने लगती हैं।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।