स्टेशन पर तैयारियां पूरीं, शेड्यूल का है इंतजार
बरेली-कासगंज रेलमार्ग पर एक मार्च से दो जोड़ी ट्रेनों के संचालन की तैयारियां रेलवे ने शुरू कर दी हैं। हालांकि अभी इन ट्रेनों का शेड्यूल निर्धारित...
बरेली-कासगंज रेलमार्ग पर एक मार्च से दो जोड़ी ट्रेनों के संचालन की तैयारियां रेलवे ने शुरू कर दी हैं। हालांकि अभी इन ट्रेनों का शेड्यूल निर्धारित नहीं हो सका है। इसको लेकर रेलवे के अधिकारी मंत्रणा कर रहे हैं। वहीं प्लेटफार्म टिकट और इस रूट पर ट्रेनों का किराया भी फिलहाल निर्धारित नहीं हो सका है। हालांकि स्थानीय स्तर पर सुरक्षा से लेकर यात्रियों की सहूलियत के लिए पेयजल आदि की व्यवस्थाएं दुरुस्त कर ली गई हैं।
कासगंज से बरेली सिटी व कासगंज से काशीपुर को अप और डाउन ट्रेनें एक मार्च से चलाने की तैयारी है। शासनस्तर से इसका नोटिफिकेशन का भी इंतजार है। इधर, इसकी जानकारी यहां के अधिकारियों को भी इज्जतनगर रेलवे मंडल से मिल चुकी है। नतीजतन जीआरपी और आरपीएफ एक बार फिर स्टेशन समेत ट्रेनों की सुरक्षा व्यवस्था संभालने की रणनीति तैयार कर रही हैं। इधर, स्टेशन परिसर में पेयजल व्यवस्था भी दुरुस्त की जा चुकी है।
अभियान चलाकर होगी सफाई
11 महीने से स्टेशन पर मुसाफिरों का आना-जाना पूरी तरह बंद है। रामनगर बांद्रा सुपरफास्ट ट्रेन सप्ताह में एक बार ही यहां आती है। ऐेसे में यहां मुसाफिरों के बैठने के लिए बनी बैंच आदि पर धूल जम गई है। वहीं प्लेटफार्म पर कुछ स्थानों पर गंदगी है। इसे अभियान चलाकर साफ किया जाएगा। ताकि मुसाफिरों को स्वच्छ माहौल में सफर करने का आनंद मिले।
वेंडरों को लेकर असमंजस
स्टेशन पर चाट-पकौड़ी आदि के ठेले-खोमचे लगाने वाले वेंडर यहां फिर से लौटेंगे या नहीं, इसको लेकर फिलहाल असमंजस है। क्योंकि वित्तीय वर्ष का आखिरी महीना है, ऐसे में एक महीने के लिए ये वेंडर व ठेकेदार यहां पहुंचेंगे या नहीं, इसको लेकर अधिकारियों के सामने असमंजस की स्थिति है।
टिकट का दाम निर्धारित नहीं
इस रूट पर मुसाफिरों को कितने का टिकट मिलेगा, इसके दाम अभी निर्धारित नहीं हो सके हैं। हालांकि माना जा रहा है कि प्लेटफार्म टिकट 30 रुपये और सफर का टिकट भी इसके आसपास का ही बिकेगा। क्योंकि चंदीगढ़ में प्लेटफार्म टिकट के दाम में बढ़ोत्तरी की जा चुकी है। एमएसटी का क्या रेट रहेगा, यह भी टिकट के दाम खुलने पर स्पष्ट हो सकेगा।
रोडवेज का लोड फैक्टर भी होगा प्रभावित
ट्रेनों का संचालन शुरू होने के बाद रोडवेज का लोड फैक्टर भी प्रभावित होना लाजिमी है। क्योंकि अभी बरेली या कासगंज जाने के लिए केवल बस ही एक मात्र सहारा बची है। जबकि ट्रेन चलने से लोग किफायती और आरामदायक सफर करना चाहेंगे। खासकर छात्र और नौकरीपेशाओं को काफी सहूलियत मिल जाएगी।
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