गांव-गांव हार-जीत के आंकड़े लगाने को लगीं पंचायतें
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव संपन्न होने के बाद प्रधान, जिला पंचायत व बीडीसी प्रत्याशी और समर्थक वोट का आंकड़ा लगाने में जुट गए हैं। गांव की हर चौपाल पर...
उझानी (बदायूं)। हिन्दुस्तान संवाद
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव संपन्न होने के बाद प्रधान, जिला पंचायत व बीडीसी प्रत्याशी और समर्थक वोट का आंकड़ा लगाने में जुट गए हैं। गांव की हर चौपाल पर समर्थक अपने अपने प्रत्याशी की जीत पक्की मानकर खुशी मना रहे है। कई जगह तो मतदान होते ही जीत का जश्न मनाते हुए समर्थकों ने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर जीत का जश्न भी मना लिया है। वहीं सट्टेबाजों ने भी प्रत्याशियों की जीत हार की बाजी पर बाजी लगा ली है।
सट्टेबाजों का सबसे ज्यादा फोकस प्रधान पद व जिला पंचायत सदस्य के पदों पर है। इस बात पर सट्टा लगाया जा रहा है कि जनपद में जिला पंचायत के सदस्य भाजपा समर्थित जीत रहे हैं या सपा समर्थित। जिला पंचायत सदस्य के चुनाव लड़ने वाले कुछ प्रत्याशियों की जीत और जीत का अंतर जिला पंचायत अध्यक्ष पद का टिकट भी फाइनल करेगा। गांव में प्रधान पद के प्रत्याशी तो दूसरे दिन चुनाव प्रचार की थकान उतार रहे हैं। वहीं समर्थकों का जोश कम नहीं है। गांवों में मायूस है तो शराबी अब उनकी आव भगत की पूंछने वाला कोई दिखाई नहीं दे रहा है। वहीं कुछ गांवों में शराब के शौकीन का उपहास भी बनाया जा रहा है।
चौपालों पर लगाये हारजीत के कयास
विजय नगला। सालारपुर और जगत ब्लाक में पंचायत चुनाव निपटने के बाद गांव-गांव पंचायत लगी हुई मंगलवार को देखी गई हैं। चुनाव निपटने के बाद समर्थकों ने नेताजी के साथ कयास लगाये हैं कि किस मोहल्ला से कितने वोट मिल गये हैं और कितने वोटों से हारजीत हो सकती है। पंचायत चुनावों में नेताजी को कितना वोट मिलना चाहिये था और कितना ज्यादा वोट दिलवा दिया है यह भी भरोसा दिलाया जा रहा है। मंगलवार का पूरा दिन इसी बात में चबूतों एवं गलियों में चौराहों पर निकल गया है।
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