Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़बदायूंPanchayat elections clear the way for political veterans to sit on the chair

पंचायत चुनाव : राजनीतिक दिग्गजों का कुर्सी पर बैठने का रास्ता साफ

हाईकोर्ट के आदेश ने जिले के जनप्रतिनिधियों की राजनीतिक साख बचा दी है, घर की कुर्सी बचाना जनप्रतिनिधियों को मुश्किल हो गयी...

Newswrap हिन्दुस्तान, बदायूंMon, 22 March 2021 03:23 AM
share Share

हाईकोर्ट के आदेश ने जिले के जनप्रतिनिधियों की राजनीतिक साख बचा दी है, घर की कुर्सी बचाना जनप्रतिनिधियों को मुश्किल हो गयी थी। घर की कुर्सियों का ही आरक्षण होने से जनप्रतिनिधियों को भारी पड़ रहा था। इधर, बिसौली में सबको चुनाव लड़ने का हक दे दिया था। जिसकी वजह से जनप्रतिनिधियों की साख खतरे में पड़ गयी थी, मगर अब बदलकर आये आरक्षण ने नेताओं की किस्मत खोल दी है।

जिले में ब्लाक प्रमुख की कुर्सी पर नेताओं की किस्मत खोल दी है। हाईकोर्ट ने फैसला दिया है इसके बाद 20 मार्च को आरक्षण आया है। जिसमें सीटों का परिवर्तन किया गया है। अब आरक्षण ने बदलकर चुनाव लड़कर कुर्सी हासिल करने का मौका दिया है। दातागंज में समरेर और दातागंज दोनों ही एससी की सीटें थीं जिनको सामान्य कर दिया गया है, वहीं उसावां भी बच गयी, म्याऊ भी बीसी हो गई है।

सहसवान विधानसभा की बात करें तो दहगवां और सहसवान दोनों ही सीटें एससी होने से बची हैं। दहगवां की सीट एससी से बदलकर महिला को आरक्षित कर दिया है। इधर बिसौली सीट बिसौली सामान्य थी लेकिन बिसौली और आसफपुर दोनों ही एससी कर दी हैं। सदर विधायक ने सालारपुर, वजीरगंज, शेखूपुर विधायक ने जगत ब्लाक को सरक्षित बचा लिया है। बिल्सी विधायक एससी होने से अंबियापुर को नहीं बचा पाये। वह सीट एससी के कोटा में चली गई है। पहले आरक्षण में नेताओं का खेल बिगड़ गया था लेकिन दोबारा से आया आरक्षण तो आंकड़े फिट हो गये हैं और परिवार के सदस्य चुनाव मैदान में उतारने का रास्ता साफ हो गया।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें